इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस (Atul Subhash Case Update) में 3 दिन बाद सुनवाई होनी है। इस बीच अतुल के भाई विकास ने बताया कि तीनों आरोपियों की न्यायिक हिरासत 30 दिसंबर को खत्म हो जाएगी। उन्होंने जमानत के लिए अर्जी लगाई है। अगर मेरे भाई को न्याय नहीं मिला तो हम आगे की कार्रवाई करेंगे। मेरी मां ने भतीजे की कस्टडी के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई है। इस पर 7 जनवरी को सुनवाई होगी। हमारी कोशिश भतीजे की कस्टडी दिलाने की है। विकास ने आगे बताया- आरोपियों की जमानत अर्जी पर भी 30 दिसंबर को सुनवाई होनी है। निकिता के चाचा ने प्रयागराज हाईकोर्ट में स्टे अर्जी लगाई है। इसके लिए भी देखेंगे कि आगे क्या करना है।
सुप्रीम कोर्ट जाना है या नहीं। इसके लिए हम कानूनी सलाह ले रहे हैं। वहीं अतुल सुभाष के भाई ने निकिता के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया। निकिता के दावों को झूठा बताते हुए उन्होंने कहा, ‘ये आरोप सिर्फ अतुल की छवि खराब करने और केस को डायवर्ट करने के लिए लगाए जा रहे हैं। हम पहले से ही अपने भाई की मौत से सदमे में हैं और इस तरह के आरोप हमारी पीड़ा को और बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अतुल का चरित्र बेदाग था। लगाए जा रहे आरोप सिर्फ ध्यान भटकाने और सच्चाई को छिपाने के लिए हैं।
दूसरी ओर, अतुल के पिता पवन मोदी ने कहा- हम चाहते हैं कि हमारे बेटे को न्याय मिले। कानून को सच्चाई का साथ देना चाहिए। हमने अपने जवान बेटे को खो दिया है। माता-पिता के लिए यह सबसे दर्दनाक पल है। हमने अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए एक-एक पैसा बचाया था। लेकिन एक लड़की की वजह से मेरे बेटे की जिंदगी पल भर में खत्म हो गई। हम चाहते हैं कि निकिता और उसके परिवार को सख्त से सख्त सजा मिले। ताकि कोई और अतुल ऐसा खौफनाक कदम दोबारा न उठाए।
पवन मोदी ने 5000 रुपये से शुरू किया था कारोबार :
पवन मोदी ने आंसू भरी आवाज में अतुल को याद करते हुए कहा- पहले हमारी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। मैं अपने चाचा की दुकान पर 250 रुपये में काम करता था। मैंने धीरे-धीरे 5000 रुपये बचाए। उससे मैंने अपना कारोबार शुरू किया। मैं और मेरी पत्नी रोजाना 16 से 18 घंटे दुकान पर बैठते थे। होली हो या दिवाली। हमने कभी अपनी दुकान बंद नहीं की ताकि कोई ग्राहक खाली हाथ न लौटे। मेरी पत्नी 100 रुपए की साड़ी पहनती थी। हमने अपने बेटों को पढ़ाने के लिए एक-एक पैसा बचाया।
पति-पत्नी ने दिन-रात मेहनत कर बेटे को पढ़ाया:
अतुल के पिता ने आगे कहा- मेरा बेटा मेहनती था। वह पढ़ाई में होशियार था। उसने इंजीनियरिंग की। इंजीनियरिंग की पढ़ाई में भी बहुत खर्च होता था। लेकिन हमने अपने बेटे को इंजीनियरिंग की पढ़ाई करवाने के लिए दिन-रात मेहनत की। हमने सोचा था कि हमारा बेटा शहर जाएगा और मेहनत करके नाम कमाएगा। लेकिन अब उसके साथ यह सब हो गया। हमें न्याय मिलना चाहिए। हमारा बेटा हमसे हमेशा के लिए छीन लिया गया। उस पर झूठे आरोप लगाए गए। सुप्रीम कोर्ट ने खुद कहा है कि ऐसे 90 प्रतिशत मामले (धारा 498 ए) फर्जी होते हैं।
‘मेरा बेटा शराब और सिगरेट से बहुत दूर था’ – पवन मोदी:
अतुल के पिता ने कहा- मेरा बेटा शराब और सिगरेट से बहुत दूर था। फिर भी उसके खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया कि वह शराब पीकर अपनी पत्नी को पीटता है। हमने अपनी बहू से कभी दहेज़ नहीं माँगा और न ही कभी उसे मारा-पीटा। वो सिर्फ़ दो दिन हमारे साथ रही। फिर वो बैंगलोर चली गई। अब हम बस यही चाहते हैं कि हमारे बेटे को इंसाफ़ मिले और हमारे पोते की कस्टडी हमें मिले। हम अपने पोते को किसी चीज़ की कमी नहीं होने देंगे। हम अपने बेटे से ज़्यादा अपने पोते को प्यार करेंगे। मैं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी और बिहार के सीएम से हाथ जोड़कर विनती करता हूँ कि बस मेरी मदद करें।