बिहार के कुख्यात अपराधियों की संपत्ति जब्त करने की कवायद शुरू हो रही है। सभी थानों को कम से कम दो वांछित (मोस्ट वांटेड) अपराधियों की संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव तैयार कर इस पर कार्रवाई का टास्क सौंपा गया है। इससे संबंधित निर्देश डीजीपी विनय कुमार ने सभी जिलों को जारी किया है।
सभी थानों को अपने-अपने क्षेत्र के वैसे कुख्यात अपराधियों की पहचान करने के लिए कहा गया है, जिन्होंने अपराध की बदौलत काफी संपत्ति जमा कर ली है। इसका पूरा लेखा-जोखा तैयार कर कार्रवाई करने को कहा गया है। इन अपराधियों ने स्वयं या अपने परिजनों के नाम पर जो भी संपत्ति जमा की है,सभी की जांच कर जब्ती की जाएगी।
डीजीपी ने अपने आदेश में कहा है कि जो अपराधी फरार हैं या बेल पर बाहर आए हुए हैं, सभी की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी। राज्य में अभी थानों की संख्या 1300 के आसपास है। इन सभी में टॉप-10 सह मोस्ट वांटेड अपराधियों की सूची मौजूद है, जो अपडेट होती रहती है। जिला स्तर पर क्राइम बैठकों में भी बड़े अपराधियों की सूची अपडेट होती है। डीजीपी के निर्देश में इस सूची से भी अपराधियों की पहचान कर उनकी संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया है।
थाना के स्तर से की जाने वाली कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की अनिवार्य रूप से वीडियोग्राफी कराने का निर्देश मुख्यालय ने दिया है। जिस दिन अपराधी के घर या संपत्ति पर नोटिस चिपकाया जाएगा, उसकी भी वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। कुर्की-जब्ती के दिन भी पूरी प्रक्रिया का क्रमवार अंदर और बाहर दोनों तरह से रिकॉर्डिंग करना अनिवार्य है। इसे सबूत के तौर पर कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा।