समस्तीपुर जिले में बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, जिससे संभावित बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। स्थानीय लोग इस बढ़ते जलस्तर से चिंतित हैं, क्योंकि तटबंधों की जर्जर स्थिति से यह खतरा और भी गंभीर हो गया है।
पिछले 24 घंटों में बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में करीब डेढ़ से दो फीट तक की बढ़ोतरी देखी गई है। हालांकि, तटबंधों की जर्जर हालत के चलते बाढ़ का खतरा अभी भी बना हुआ है। पूसा रिंग बांध पर जंगल भरे पड़े हैं और तटबंधों पर कई जगह रेनकट्स खुले मुंह खड़े हैं। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, तटबंध के बीच से पाइप के सहारे गंदे पानी की निकासी बूढ़ी गंडक नदी में जारी है, जिससे खतरा और भी बढ़ गया है।
जलस्तर की बढ़ोतरी के साथ ही विभाग द्वारा कुछ स्थानों पर बोरे में मिट्टी भराई का काम शुरू कर दिया गया है। पूसा बाजार रिंग बांध की स्थिति भी खराब हो गई है, जिससे डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय स्टेशन, बोरालॉग इंस्टीट्यूट, केंद्रीय विद्यालय, प्रखंड सह अंचल कार्यालय, पीएचसी, अनुमंडलीय अस्पताल, डायट, सहकारिता प्रशिक्षण केंद्र समेत दर्जन भर संस्थानों और पंचायतों के नदी में समाने का खतरा बढ़ गया है।
नेपाल में हुई बारिश के कारण बागमती नदी के जलस्तर में भी लगातार वृद्धि हो रही है। चकमेहसी थाना क्षेत्र के रामपारन से कलौंजर पंचायत और बघला जाने वाली मुख्य सड़क के पास स्थित डगराहा पुल के पास शांति नदी का पानी चढ़ जाने से यातायात अवरुद्ध हो गया है। बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से मोरवाड़ा गांव में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क भी कटाव की कगार पर पहुंच गई है, जिससे गांव के लोगों को आवागमन में परेशानी हो सकती है।