समस्तीपुर स्कूल में विद्यार्थी डेढ़ हजार और उनके लिए क्लास रूम केवल पांच। बाकी क्लास रूम पूरी तरह जर्जर। कब यह धराशायी हो जाय, यह खतरा हर समय बना रहता है। शहर के जितवारपुर स्थित प्लस टू श्री कृष्णा हाई स्कूल की यह स्थिति है। स्कूल के बच्चे क्लास करने से कतराते हैं तो शिक्षक पढ़ाने से। उन सब के बीच हर समय भय बना रहता है।

आश्चर्य है कि स्कूल प्रधान के स्तर से कई बार स्कूल की स्थिति से डीईओ को जानकारी देने पर भी अब तक कार्रवाई नहीं की गई है। जब क्लास चलता है तो बच्चों व शिक्षकों का बार बार भवन के जर्जर छत व दीवार की तरफ ध्यान जाता है। नौंवीं से लेकर बारहवीं क्लास तक के बच्चों की यहां पढ़ाई होती है।

हर क्लास दो तीन सेक्शन में बंटा हुआ है। इतने क्लास के बच्चों की पढ़ाई केवल पांच काफी पुराने भवन के कमरों में होती है। सभी क्लासों के सेक्शनों को कंबाइंड कर पढ़ाई की जाती है। बाकी कमरे ध्वस्त हैं। स्कूल के प्रभारी हेडमास्टर मो. फैयाज जमा सिद्दीकी ने बताया कि स्कूल में कुल 38 कमरों का निर्माण कई सालों से लंबित है। निर्माण के लिए बार बार लिखा जा रहा है।

फिर भी अब तक कार्रवाई शून्य है। स्कूल भवनों की हालत से बार बार डीईओ व डीपीओ के अलावा बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना निगम लि. को लिखा जा रहा है। निर्माण का काम बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना निगम लि. को ही करना है। इसके लिए स्कूल ने निर्माण का एनओसी भी कई साल पहले दे रखा है। निर्माण का नक्शा भी बहुत पहले अनुमोदित है। इसके बाद भी निगम के स्तर से लापरवाही की जा रही है। स्कूल की हालत यह है कि कमरों की छत का प्लास्टर, कड़ी, ईंट आदि टूट टूट कर अक्सर गिरते रहते हैं।

पिछले साल पढ़ाई के दौरान ही प्लास्टर का बड़ा टुकड़ा एक बच्चे के सामने ही गिर गया। जिससे बाल वह बच गया। इससे बाकी बच्चों में दहशत बन गया। स्कूल प्रधान का कहना है कि ऐसे में किसी समय गंभीर हादशा होने की संभावना बनी रहती है। इस बारे में डीईओ ने बताया कि विभाग को इसके लिए लिखा गया था। उक्त स्कूल में निर्माण कार्य बिहार राज्य आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड को करना है।


इनपुट : livehindustan.com

