Samastipur Sadar Hospital : समस्तीपुर में बरसात के साथ बीमारियों का प्रकोप.

बरसात का मौसम जहां एक ओर राहत और ताजगी लाता है, वहीं दूसरी ओर यह विभिन्न बीमारियों का भी कारण बनता है। समस्तीपुर के सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने इस मौसम में बढ़ने वाली बीमारियों से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण सलाह दी हैं। आइए जानते हैं कि इन बीमारियों से कैसे बचा जा सकता है और क्या-क्या उपाय किए जाने चाहिए।

   

समस्तीपुर के सदर अस्पताल में पदस्थापित डॉक्टर आशुतोष कुमार का कहना है कि बरसात में भींगने से बचना चाहिए और अगर भींग जाएं तो तुरंत सूखे कपड़े से सिर और शरीर पोंछ लें। इस मौसम में फ्रीज का पानी, कोल्ड ड्रिंक आदि का सेवन नहीं करना चाहिए, बल्कि गर्म दूध, सूप और ताजा भोजन का सेवन करना चाहिए। बरसात के दौरान मक्खियों की संख्या बढ़ जाती है, इसलिए खाने के सामान और पीने के पानी को ढक कर रखना आवश्यक है। इस समय में अनपच, डायरिया, हैजा और टाइफाइड जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

सदर अस्पताल के ओपीडी में इन दिनों पेट से जुड़ी समस्याएं, बुखार, खांसी, डायरिया-डिसेंट्री, स्किन डिजीज और अन्य बीमारियों के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर नागमणि राज ने कहा कि दूषित पानी पीने से उल्टी, दस्त और पीलिया जैसी बीमारियों की संभावना बनी रहती है। मानसून के दौरान बच्चों के स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखना जरूरी है।

 

अस्पताल के प्रबंधक डॉ. विश्वजीत रामानंद के अनुसार, मानसून के समय में जगह-जगह पानी का जमाव हो जाता है, जिससे मच्छरों के पनपने की संभावना बढ़ जाती है। यह डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है। ठहरे पानी में नंगे पैर चलने से बैक्टीरिया के कारण लैप्टोस्पायरोसिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं। दूषित खानपान और गंदे जल के संपर्क में आने से टाइफाइड, हैजा, हेपेटाइटिस ए, फूड पॉइजनिंग और वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस जैसी बीमारियों का खतरा रहता है।

   

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