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Samastipur Sadar Hospital : एंबुलेंस कर्मियों के हड़ताल से समस्तीपुर में ठप हुई एंबुलेंस सेवा.

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By Samastipur Today Desk


Samastipur Sadar Hospital : एंबुलेंस कर्मियों के हड़ताल से समस्तीपुर में ठप हुई एंबुलेंस सेवा.

 

समस्तीपुर ज़िले के कल्याणपुर प्रखंड के गोपालपुर गांव में एंबुलेंस कर्मियों को बंधक बनाकर पिटाई करने की घटना के बाद एंबुलेंस कर्मियों ने सोमवार रात से काम बंद कर दिया है। इस कारण सदर अस्पताल में एंबुलेंस सेवा ठप हो गई है, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

 

हड़ताल का कारण

गोपालपुर में एक सड़क दुर्घटना में घायल युवक को डीएमसीएच रेफर किया गया था, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। जब एंबुलेंस कर्मी शव को उसके गांव गोपालपुर पहुंचाने गए, तो परिजनों ने उन पर हमला कर दिया। एंबुलेंस कर्मियों के अनुसार, उन्हें बंधक बनाकर पीटा गया और उनके मोबाइल भी क्षतिग्रस्त कर दिए गए। किसी तरह 112 पुलिस टीम को सूचना दी गई और पुलिस ने पहुंचकर एंबुलेंस कर्मियों को मुक्त कराया।

हड़ताल की चेतावनी

इस घटना के बाद, एंबुलेंस कर्मियों ने सदर अस्पताल के उपाधीक्षक को आवेदन दिया और डीएम को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने उपाधीक्षक पर मामले में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने की शिकायत की और 12 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. गिरीश कुमार ने बताया कि एंबुलेंस कर्मियों से हुई मारपीट की शिकायत के संबंध में पुलिस को सूचना दी गई है। पुलिस दो बार घटनास्थल पर पहुंची, लेकिन एंबुलेंस कर्मियों ने बयान नहीं दिया। फिलहाल, एंबुलेंस सेवा ठप होने से मरीजों को परेशानी हो रही है।

वर्तमान स्थिति

अस्पताल में 102 एंबुलेंस सेवा ठप होने के कारण रेफर मरीजों को निजी एंबुलेंस से ले जाना पड़ रहा है, जिसके लिए परिजनों को भारी रकम चुकानी पड़ रही है। एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल से सदर अस्पताल में चिकित्सा सेवाओं पर बड़ा प्रभाव पड़ा है और मरीजों को तत्काल राहत की जरूरत है।

आगे की योजना

यदि प्रशासन और पुलिस विभाग जल्द से जल्द कार्रवाई नहीं करते हैं, तो एंबुलेंस कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से समस्तीपुर जिले में चिकित्सा सेवाओं की स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। प्रशासन को इस मामले में त्वरित और उचित कदम उठाने की जरूरत है ताकि एंबुलेंस सेवा पुनः शुरू की जा सके और मरीजों को राहत मिल सके।