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Samastipur News : समस्तीपुर में शराब तस्करों पर लगातार कस रहा कानून का शिकंजा, स्पीड ट्रायल से मिल रही सजा.

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By Samastipur Today Desk
Samastipur News : समस्तीपुर में शराब तस्करों पर लगातार कस रहा कानून का शिकंजा, स्पीड ट्रायल से मिल रही सजा.

 

 

Samastipur News : समस्तीपुर में शराब माफियाओं और धंधेबाजों पर कानून का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। शराब बिक्री और इसके सेवन के मामले में स्पीडी ट्रायल के तहत न्यायालय में सुनवाई हो रही है। जिले में शराबबंदी कानून के तहत उत्पाद विभाग द्वारा जिला न्यायालय में स्पीडी ट्रायल के तहत 94 लोगों को 5 से 10 वर्ष की सजा सुनाई गई। दो शराब धंधेबाजों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। दोबारा शराब पीने के आरोप में 128 आरोपितों को 1 वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई। पुलिस और कानून की इस कार्रवाई से धंधेबाजों में हड़कंप मच गया है।

   

शराब माफियाओं की 36 जमीन और मकान सील:

जिला उत्पाद अधीक्षक शैलेंद्र चौधरी ने बताया कि शराब माफियाओं और धंधेबाजों द्वारा अपराध से अर्जित संपत्ति भी पुलिस के रडार पर है। जिले में अब तक शराब के आरोप में पकड़े गए धंधेबाजों की 36 जमीन और भवन को उत्पाद विभाग द्वारा सील किया जा चुका है। इसमें से 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाकर आठ जमीन और भवन के मामले का निपटारा कर दिया गया है, शेष 28 मामले अभी लंबित हैं।

बता दें कि पहले अधिकांश मामलों में प्रभावी कार्रवाई नहीं होने के कारण तस्कर जल्द ही जमानत पर रिहा हो जाते थे। लेकिन अब स्पीड ट्रायल के कारण आरोपियों को तारीख पर कोर्ट में उपस्थित होना पड़ रहा है। पुलिस और उत्पाद विभाग तस्करों के खिलाफ कोर्ट में चल रहे मामलों, तारीख और गवाहों पर नजर रख रही है। ताकि साक्ष्य के अभाव में कोई तस्कर गवाहों को प्रभावित कर कोर्ट में चल रहे मामले को कमजोर न कर सके।

 

 

अपराध के दलदल में फंस रहे युवा :

राज्य में शराबबंदी कानून के आठ साल बीत चुके हैं। लेकिन, शराब की तस्करी और पीने का दौर खत्म नहीं हो रहा है। पुलिस और उत्पाद विभाग की टीमें लगातार कार्रवाई कर रही हैं। लेकिन, तस्करों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। कारण यह है कि इस धंधे में पूंजी कम और मुनाफा कई गुना ज्यादा है। बड़ी पूंजी वाले माफिया किस्म के लोग अपराध के दलदल में फंसकर मालामाल होने लगे। ऐसा नहीं है कि पुलिस निष्क्रिय रही। पुलिस भी सक्रियता से ऐसे धंधेबाजों के पीछे लगी रही। इसका नतीजा यह हुआ कि शराब की बड़ी खेप और कई कारोबारी पकड़े गए। लेकिन, विडंबना यह है कि इतनी सख्ती के बावजूद कारोबारी फल-फूल रहे हैं। कम समय में अधिक पैसा कमाने के लालच में युवा इस धंधे में उतर आए हैं। तस्करों में ज्यादातर 16 से 30 साल के युवा हैं।

 

वर्ष 2016 से 17 दिसंबर 2024 तक शराब तस्करी के खिलाफ कार्रवाई :

  • कुल छापेमारी: 66373
  • कुल दर्ज मामले: 11476
  • कुल गिरफ्तारी : 11044
  • जेल, हिरासत: 4064
  • अवैध देशी शराब जब्त: 345020 लीटर
  • अंग्रेजी शराब जब्त 200558 लीटर
  • वाहन जब्त: 252

 

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