समस्तीपुर जिला निबंधन कार्यालय में जमीन की खरीद-बिक्री में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है। आरोप है कि कोर्ट से रोक सूची में शामिल जमीन को दस्तावेज में चढ़ाकर और जिला अवर निबंधक के जाली हस्ताक्षर बनाकर निबंधन कराया गया। इस खेल में विक्रेता, क्रेता, पहचानकर्ता और दस्तावेज नवीस की मिलीभगत पाई गई है। जिला अवर निबंधक अमित कुमार मंडल ने नगर थाने में चारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
मामले में आरोपित हैं :

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विक्रेता: जगदीश साह, ग्राम बहादुरपुर, वार्ड-23 (पुराना) / 21 (नया), नगर निगम, समस्तीपुर
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क्रेता: प्रवीण कुमार, ग्राम बहादुरपुर, वार्ड-27 (पुराना) / 15 (नया), नगर निगम, समस्तीपुर
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पहचानकर्ता: सोनू कुमार, हरपुर महमदा, थाना पुसा, समस्तीपुर
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दस्तावेज नवीस: धर्मेंद्र कुमार सिन्हा, मुसापुर धनकौल, थाना पातेपुर, जिला वैशाली
जांच में सामने आया कि पक्षकारों ने अपॉइंटमेंट लेकर खाता-16, खेसरा-187 (रकबा 2.18 डिसमिल) और खाता-16, खेसरा-186 (रकबा 3.27 डिसमिल) से संबंधित जमीन का निबंधन कराने की प्रक्रिया शुरू की। दस्तावेज जांच और रोक सूची मिलान के बाद निबंधन प्रक्रिया पूरी की गई।
लेकिन निबंधन के उपरांत आरोपितों ने मिलीभगत से दस्तावेज के पन्ने बदल दिए और उसमें खाता-16, खेसरा-190 एवं खाता-37, खेसरा-191 (जो कि कोर्ट की रोक सूची में दर्ज थे) को शामिल कर दिया। साथ ही जिला अवर निबंधक और संबंधित कर्मियों के जाली हस्ताक्षर और मुहर लगाकर जालसाजी को अंजाम दिया गया।
जिला अवर निबंधक के अनुसार, आरोपितों ने निबंधन अधिनियम, 1908 की धारा-82 और भारतीय मुद्रांक अधिनियम की धारा-27 का उल्लंघन किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।


