बिहार के सभी निचली अदालतों के हजारों कर्मचारी अपनी चार सूत्रीय मांगों के समर्थन में गुरुवार से कलमबंद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे। कर्मचारियों की इस हड़ताल से सूबे के सभी 38 जिलों के सिविल कोर्ट व अनुमंडलीय कोर्ट में न्यायिक कार्य प्रभावित होने की संभावना है। जेल में बंद कैदियों की सुनवाई, जमानत आवेदन, आरोपितों के रिमांड और जेल से रिहाई के काम प्रभावित होंगे।
बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजेश्वर तिवारी ने बताया कि सूबे के सभी जिलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया है।
अध्यक्ष ने बताया कि उनकी चार सूत्री मांगों में फिटमेंट अपीलीय समिति की अनुशंसा के आधार निर्धारित वेतनमान, अनुकंपा पर नियुक्ति, प्रोन्नति एवं सेवा शर्त नियमावली की मांग है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन नहीं कर उल्टे कर्मचारियों को दमनात्मक कारवाई करने का धौंस दिखाया जा रहा है। पिछले कई वर्षों से अदालतों के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर पटना हाईकोर्ट और बिहार सरकार का दरवाजा खटखटाया पर न्याय नहीं मिला।