आरक्षण के मुद्दे पर राजनीतिक बहस एक बार फिर गरमा गई है। गुरुवार को समस्तीपुर कलेक्ट्रेट के सामने राजद कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन कर केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। राजद नेताओं ने जाति आधारित आरक्षण का समर्थन करते हुए इसे कमजोर करने की साजिश का आरोप लगाया। प्रदर्शन ने एक बार फिर आरक्षण के अधिकार और संविधान की रक्षा के मुद्दे को राजनीतिक केंद्र में ला दिया है।
इस धरने का नेतृत्व राजद जिलाध्यक्ष सह पूर्व विधान पार्षद रोमा भारती ने किया, जबकि संचालन जिला प्रधान महासचिव विपीन सहनी ने किया। राजद कार्यकर्ताओं ने नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी सरकार पर आरक्षण को कमजोर करने और संविधान विरोधी मानसिकता के साथ काम करने का आरोप लगाया। सभा को संबोधित करते हुए रोमा भारती ने कहा कि जाति आधारित सर्वेक्षण के बाद महागठबंधन सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाया था। लेकिन, न्यायालय में प्रभावी तरीके से मामला न रखने के कारण इस पर रोक लग गई। उन्होंने मांग की कि बढ़े हुए आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाए ताकि इसे कानूनी सुरक्षा मिल सके।
सभा में राजद महासचिव प्रेम प्रकाश शर्मा, अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद सहनी, उजियारपुर संगठन जिलाध्यक्ष राजेश्वर महतो, वरीय नेता प्रोफेसर राजेंद्र भगत समेत कई अन्य नेताओं ने अपने विचार रखे। इन नेताओं ने भाजपा सरकार पर आरक्षण और सामाजिक न्याय को कमजोर करने का आरोप लगाया और इसे संविधान और लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया। रोमा भारती ने कहा कि आरक्षण केवल आर्थिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय का भी मुद्दा है। इसे कमजोर करना संविधान के मूल सिद्धांतों पर हमला है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार संविधान और लोकतंत्र को खतरे में डालने वाली नीतियों पर काम कर रही है।