समस्तीपुर की सांसद शांभवी चौधरी ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की और भारतीय संविधान को मैथिली भाषा में उपलब्ध कराने के लिए उनका आभार व्यक्त किया। यह कदम न केवल मिथिला क्षेत्र बल्कि पूरे बिहार के लिए गर्व और सम्मान का विषय बन गया है। यह पहली बार है जब मैथिली भाषा में संविधान की प्रतियां उपलब्ध कराई गई हैं, जिससे कई नई संभावनाओं और सांस्कृतिक उत्थान की उम्मीदें जागी हैं।
प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान, सांसद शांभवी चौधरी ने इस ऐतिहासिक निर्णय की सराहना की और इसे पूरे मिथिला क्षेत्र के लिए सांस्कृतिक और शैक्षिक विकास का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि मैथिली भाषा में संविधान की उपलब्धता से उन लोगों को विशेष लाभ होगा, जो न्यायालय में हिंदी या अंग्रेजी समझने में कठिनाई महसूस करते हैं। अब यह दस्तावेज़ उनकी मातृभाषा में पढ़ा और समझा जा सकेगा।
सांसद ने इस अवसर को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह पहल न केवल हमारी भाषा और संस्कृति के प्रति सम्मान को दर्शाती है, बल्कि क्षेत्रीय भाषाओं के महत्व को भी उजागर करती है। मैथिली, जो भारत की प्राचीन और समृद्ध भाषाओं में से एक है, को यह मान्यता मिलना क्षेत्रीय भाषाओं की ताकत और विविधता का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान सांसद ने क्षेत्रीय विकास और मिथिला क्षेत्र के लिए योजनाओं पर भी चर्चा की। उनके साथ दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर और मधुबनी के सांसद अशोक यादव भी मौजूद थे। इस संयुक्त प्रयास ने क्षेत्रीय प्रतिनिधियों की प्रतिबद्धता और एकजुटता को दर्शाया।