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Samastipur News: समस्तीपुर में डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में 2 सालों से लाल केले की खेती पर चल रहा शोध.

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By Samastipur Today Desk
Samastipur News: समस्तीपुर में डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में 2 सालों से लाल केले की खेती पर चल रहा शोध.

 

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के केला अनुसंधान केंद्र में पिछले दो वर्षों से लाल केले की खेती पर शोध किया जा रहा है। दक्षिण भारत में धार्मिक महत्व रखने वाले इस लाल केले की खेती उत्तर बिहार में भी सफल साबित हो रही है। प्रारंभिक शोध से पता चला है कि उत्तर बिहार की भूमि लाल केले की अच्छी उपज दे रही है, जो दक्षिण भारत की तुलना में बेहतर है।

   

केला अनुसंधान केंद्र के प्लांट पैथोलॉजी विभाग के अध्यक्ष, डॉ. एसके सिंह के अनुसार, 2022 से लाल केले की उत्पादन क्षमता पर रिसर्च चल रही है। इस अध्ययन की रिपोर्ट रिसर्च काउंसिल को प्रस्तुत की जाएगी, जिसके बाद काउंसिल की अनुमति मिलने पर इसे किसानों के लिए बढ़ावा दिया जाएगा। इस प्रक्रिया में वर्ष 2025 तक का समय लग सकता है। अनुमति मिलने के बाद, किसानों को लाल केले की खेती के लिए प्रशिक्षण और खेती के तरीके सिखाए जाएंगे।

लाल केले की खेती का पहला चरण जून 2022 में शुरू किया गया था। ऊत्तक संवर्धन द्वारा तैयार पौधों को दक्षिण भारत से लाकर 15 सितंबर 2022 तक 15-15 दिन के अंतराल पर इसकी रोपाई की गई थी। फूल आने में लगभग 12 महीने लगे और 15 महीने में पहली फसल की कटाई हो गई। शुरुआती परिणामों ने यह संकेत दिया है कि उत्तर बिहार की कृषि जलवायु में लाल केले की खेती काफी सफल हो सकती है। फिलहाल, दूसरी फसल की तैयारी चल रही है और परिणाम उत्साहजनक हैं।

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