समस्तीपुर : जिला का विभूतिपुर एक बार भी शिक्षक नियुक्ति में हुए फर्जीवाड़ा को लेकर सुर्खियों में है. शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़ा एक बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है. यह फर्जीवाड़ा तब सामने आया जब पूरी प्रक्रिया की माॅनिटरिंग मुख्यालय से लेकर जिला स्तर तक के शिक्षा विभाग के पदाधिकारी कर रहे थे.
जिला के विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता प्रदान करने व रिक्त पदों के आलोक में शिक्षक बहाली बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा की गयी. साथ ही किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हो इसके लिए फुलप्रूफ व्यवस्था की गयी थी. बावजूद विभूतिपुर प्रखंड में व्यवस्था को धत्ता बताते हुए एक ही रौल और आईडी नंबर पर एक शिक्षिका की फर्जी तरीके से हुई बहाली मा मामला उजागर हुआ. डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता के निर्देश पर डीपीओ स्थापना कुमार सत्यम ने जांच पड़ताल शुरू की. जांच पड़ताल के दौरान फर्जी शिक्षक बहाली में हुए खेल का खुलासा होने लगा.
मीरा कुमारी की जगह रंजना कुमारी को कर दिया था बहाल
ऑरिजनल शिक्षिका मीरा कुमारी ने मध्य विद्यालय कापन विभूतिपुर में टीआरई वन में अपना योगदान दिया था. वहीं इसी रौल नंबर व आईडी नंबर से फर्जी शिक्षिका के रूप में रंजना कुमारी की भी बहाली हो गयी और फर्जीवाड़ा कर शिक्षिका ने प्राथमिक विद्यालय धोबिया टोल में योगदान दिया. जांच के दौरान प्राथमिक विद्यालय धोबिया टोल की एचएम ने स्पष्ट रूप से कहा कि उन्हे योगदान के दिन ही शंका हुयी थी लेकिन विभूतिपुर बीईओ के दबाव में योगदान करा लिया गया.
इधर फर्जी शिक्षिका रंजना कुमारी फरार बतायी जा रही है. यह मामला सामने आते ही विभूतिपुर प्रखंड के ही नवसृजित प्राथमिक विद्यालय नव टोलिया सिसबन्नी में बीपीएससी शिक्षक बहाली परीक्षा में चयनित तीन शिक्षकों की उक्त विद्यालय में तैनाती की गई. लेकिन विद्यालय में तीन की जगह पांच शिक्षक है. विद्यालय में तैनात शिक्षकों में मात्र तीन शिक्षक का नाम बीपीएससी द्वारा जारी चयनित अभ्यर्थियो की सूची में दर्ज है. जिन दो शिक्षकों को अलग से विद्यालय में योगदान कराया गया है. शुक्रवार को डीपीओ स्थापना ने जांच पड़ताल के बाद विभूतिपुर बीईओ व संबंधित विद्यालय के एचएम को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया.