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Burning Bus : लखनऊ बस हादसे में जिंदा जली समस्तीपुर की मां-बेटी, पति अशोक महतो ने बतायी आँखों देखी.

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By Samastipur Today Desk

 


 

Burning Bus : लखनऊ बस हादसे में जिंदा जली समस्तीपुर की मां-बेटी, पति अशोक महतो ने बतायी आँखों देखी.

 

Burning Bus : बिहार के बेगूसराय से दिल्ली जा रही एक बस में बृहस्पतिवार की सुबह लखनऊ के मोहनलालगंज इलाके में किसान पथ पर अचानक भीषण आग लग गई। इस घटना में दो बच्चे सहित पांच यात्रियों की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई. सभी मृतक बिहार के रहने वाले हैं, वहीं इस हादसे में समस्तीपुर की रहने वाली मां-बेटी जिंदा जल गईं। मृतकों की पहचान हसनपुर थाना क्षेत्र के मधेपुर गांव के अशोक महतो की पत्नी लख्खी देवी और बेटी सोनी देवी के रूप में हुई है।

 

मृतका के बेटा दीपक महतो ने बताया कि उसके पिता अशोक महतो उर्फ रामप्रकाश महतो, मां लख्खी देवी, बहन सोनी देवी व ढ़ाई साल के भांजे आदित्य को मुसरीघरारी में दिल्ली जाने वाली बस में बुधवार को वह करीब दो बजे चढ़ाया था। इसके बाद रात में सभी से आखिरी बार बात हुई थी। फिर सुबह में मां व बहन के मौत की होने की सूचना पिता से मिली। इस घटना की सूचना मिलते ही घर में कोहराम मच गया।

उसने बताया कि मां के इलाज को लेकर सभी लोग मुगलसराय जा रहे थे। लखनऊ के रास्ते सभी लोग इलाहाबाद में भाई गुड्ड महतो के यहां रूकने के बाद मुगलसराय के लिए रवाना होते। उसने बताया कि ढाई महीने पहले मां के पेट का ऑपरेशन मुगलसराय में हुआ था। वहां बडी बहन अर्चना देवी रहती हैं। दवा खत्म होने के साथ फिर से चेकअप कराने को लेकर सभी लोग मुगलसराय जा रहे थे। इस दौरान लखनऊ में हादसा हो गया और सब कुछ खत्म हो गया।

 

 

बस में सवार अशोक महतो ने बताया कि वह बस में पीछे की सीट पर परिवार के साथ सो रहे थे। एकाएक आगे की सीटों पर बैठे लोग चीख पुकार करने लगे। देखते ही देखते आग की लपटें निकलने लगीं। अंदर धुंआ भर रहा था। बाहर निकलने के लिए कोई रास्ता नहीं था। इसके बाद खिड़की में लगी लोहे के रॉड को तोड़ने का प्रयास किया। नहीं टूटने पर कई लोगों की मदद से उसे टेढ़ा करके ऊपर उठा दिए। धुएं के कारण उनके नाती आदित्य का दम घुट रहा था। पानी की एक बोतल मिली, उससे प्रहार कर किसी तरह खिड़की का कांच तोड़ कर खिड़की से बाहर कूदे। पत्नी और बेटी अंदर फंसी थीं। सबसे पहले नाती को बचाकर उसे सड़क पर बैठाने की कोशिश की तो वह लुढ़क गया। यह देखते ही सन्न रह गए।

इस दौरान पास खड़े लोगों ने दौड़कर नाती के चेहरे पर पानी डाला तो उसकी आंखें खुली। इसके बाद पीछे पलटे तो बस की आग विकराल हो चुकी थी। आग की लपटों से घिरी पत्नी और बेटी चीख-पुकार कर रही थीं। उनके आंखों के सामने दोनों जिन्दा जल रहे थे और वे उन्हें बचा नहीं सके। उन्होंने अपनी पत्नी और बेटी को आंखों के सामने जलते देख नाती को सीने से लगाकर फूट-फूटकर रोते रहे। अशोक महतो ने बताया कि वर्ष 2022 में दामाद पंकज ने आत्महत्या कर ली थी। उसके बाद से बेटी और नाती उनके साथ ही रह रहे थे।

इस घटना के संबंध में अपर पुलिस आयुक्त (मोहनलालगंज) रजनीश वर्मा ने बताया कि बिहार के बेगूसराय से दिल्ली जा रही एक निजी बस में सुबह करीब पांच बजे लखनऊ के मोहनलालगंज इलाके में किसान पथ पर अचानक आग लग गई। उन्होंने बताया कि इस हादसे में बस में सवार दो बच्चों, दो महिलाओं और एक पुरूष की मौत हो गई। वर्मा ने बताया कि आग लगने के बाद बस का चालक और सहचालक मौके से फरार हो गया। वहीं बस में सवार यात्रियों को पुलिस और जनता की मदद से कांच तोड़कर बाहर निकाला गया।