RIP Acharya Kishore Kunal : सांसद शांभवी चौधरी के ससुर, बिहार के पूर्व आईपीएस अधिकारी और महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव आचार्य किशोर कुणाल के निधन से शोक की लहर है। उन्होंने आज सुबह महावीर वत्सला अस्पताल में हृदयाघात के कारण अंतिम सांस ली। उन्हें अब समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए किए गए अभूतपूर्व कार्यों के लिए याद किया जाएगा।
आपको बता दें कि जेडीयू के दिग्गज नेता और बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी आचार्य किशोर कुणाल के समधी हैं। इतना ही नहीं समस्तीपुर से लोजपा-रामविलास सांसद शांभवी उनकी पुत्रवधू हैं और बेटे सयान कुणाल भी सक्रिय राजनीति में हैं। इसके बावजूद आचार्य किशोर कुणाल ने खुद को राजनीति से दूर रखा। राजनीतिक जानकार यह भी कहते हैं कि आचार्य किशोर कुणाल को बीजेपी की ओर से आमंत्रण मिला था, लेकिन उन्होंने राजनीति में आने से साफ इनकार कर दिया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वे एक सख्त और ईमानदार आईपीएस अधिकारी थे। वहीं आईपीएस की सेवा से रिटायर होने के बाद आचार्य किशोर कुणाल ने आध्यात्म का रास्ता चुना। बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष और पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर न्यास के सचिव रहते हुए उन्होंने समाज के लिए कई अभूतपूर्व कार्य किए। पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर के माध्यम से उन्होंने महावीर कैंसर संस्थान, महावीर आरोग्य संस्थान, महावीर नेत्रालय, महावीर वात्सल्य अस्पताल जैसे कई धर्मार्थ अस्पतालों की स्थापना की और विभिन्न रूपों में बड़े पैमाने पर परोपकारी कार्य किए।
दलितों के उत्थान के लिए महावीर मंदिर में दलित पुजारी की नियुक्ति की। उन्होंने गरीब बच्चों के लिए पटना में ज्ञान निकेतन स्कूल की स्थापना भी की। उन्होंने संगत-पंगत की स्थापना की, ताकि कोई गरीब भूखा न सोए। बेटे और बहू के राजनीति में आने के बाद भी वे राजनीति से दूर रहे।
जानकारी के मुताबिक लोकसभा चुनाव के दौरान शांभवी चौधरी के चुनावी रणनीतिकारों ने आचार्य किशोर कुणाल को सुझाव दिया था कि वे मतदान से पहले समस्तीपुर के हर मतदाता के घर संदेश भेजें। उनकी लोकप्रियता का चुनाव में काफी असर पड़ेगा। हालांकि आचार्य किशोर कुणाल ने इससे साफ इनकार किया था। उन्होंने कहा था कि चुनावी जीत के लिए मैं अपने हनुमान जी को धोखा नहीं दे सकता। हनुमान जी मेरी बहू शाम्भवी को समस्तीपुर में विजय का आशीर्वाद अवश्य देंगे।