राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने राजस्व महाभियान के दौरान हड़ताल पर डटे रहने के मामले में राज्य के संविदाकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की है। विभाग ने सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में 110 संविदाकर्मियों की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी है। बर्खास्त किये गये कर्मियों में 60 विशेष सर्वेक्षण अमीन, 16 विशेष सर्वेक्षण कानूनगो, 14 विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी एवं 20 विशेष सर्वेक्षण लिपिक शामिल है।

संविदा शर्तों के उल्लंधन के आरोप में इनपर विभाग ने कार्रवाई की है। जिनकी सेवा समाप्त की गई है, उसमें हड़ताली संगठनों की अध्यक्ष रौशन आरा और सचिव विभूति कुमार के नाम भी शामिल हैं। उपरोक्त दोनों के खिलाफ उनके जिले के बंदोबस्त पदाधिकारी से प्राप्त प्रतिवेदन के आलोक में कार्रवाई की गई है। सोमवार को भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने आदेश जारी कर दिया है। गौरतलब है कि विभाग ने इनसे हड़ताल से लौटने की अपील की थी।

ये सभी कर्मी राजस्व महाअभियान के शुरू होने के दिन 16 अगस्त से ही हड़ताल पर हैं। हालांकि, हड़ताली कर्मियों की संख्या 10 हजार 775 है। विभागीय आदेश में कहा गया है कि बर्खास्त विशेष सर्वेक्षण अमीन, विशेष सर्वेक्षण कानूनगो, विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी एवं विशेष सर्वेक्षण लिपिकों ने अनुचित मांगों को लेकर हड़ताल की राह अपनाई और विभागीय कार्य बाधित किया। इनमें से कुछ ने तथाकथित संघों के बैनर तले आंदोलन का आह्वान किया, जबकि कई लोग अचानक ही कर्तव्य से अनुपस्थित हो गए।

संघ की अध्यक्ष रौशन आरा ने 16 अगस्त से बेमियादी हड़ताल का आह्वान किया। वहीं संघ के सचिव विभूति कुमार उसी दिन से अपने दायित्वों का निर्वहन छोड़कर हड़ताल पर चले गए। सभी संविदा विशेष सर्वेक्षण अमीन, विशेष सर्वेक्षण कानूनगो, विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी एवं विशेष सर्वेक्षण लिपिक की नियुक्ति संविदा नियमावली 2019 एवं संशोधित नियमावली 2022 के तहत हुई थी। यह सेवा किसी भी परिस्थिति में नियमित नियुक्ति में परिवर्तित नहीं होगी।

इसके बावजूद पदनाम बदलने, नियमितीकरण और समतुल्य वेतनमान जैसी अनुचित मांगों को लेकर हड़ताल पर जाना शपथपत्र और संविदा शर्तों का खुला उल्लंघन है। इनके हड़ताल पर जाने से सरकार के महत्वाकांक्षी राजस्व महाअभियान की गति प्रभावित हुई। इस अभियान के तहत राज्यभर में जमाबंदी में त्रुटि सुधार, ऑफलाइन जमाबंदी को ऑनलाइन करना, बंटवारा नामांतरण और उत्तराधिकार नामांतरण जैसी सेवाएं आमजन तक पहुंचाई जा रही हैं। ऐसे में हड़ताल का कदम जनता को सीधे तौर पर प्रभावित करने वाला साबित हुआ।

विभाग ने दी थी संविदा कर्मियों को चेतावनी
विभाग ने कठोर कार्रवाई करते हुए नियमावली की धारा 8(4) के तहत 110 संविदा सर्वेक्षण कर्मियों की संविदा सेवा समाप्त कर दी है। विभाग के स्तर से कार्य से अनुपस्थित अन्य सभी पर भी कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है। इन संविदा कर्मियों को विभाग ने पहले भी चेतावनी दी थी। सभी हड़ताली कर्मियों का लॉग इन ब्लॉक करते हुए कार्यालय में प्रवेश करने से रोक लगा दी थी। इसके बावजूद ये काम पर नहीं लौटे। इसलिए विभाग ने फिलहाल 110 कर्मियों की सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया है। विभाग इनके बदले नई नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द ही शुरू करेगा।

हड़ताली संविदा कर्मियों का आचरण अनुशासनहीनता और सरकारी आदेश की अवहेलना की श्रेणी में आता है। हड़ताल का असर राजस्व महाभियान पर हो रहा है। इसलिए इनकी सेवा समाप्त की गई। -जे प्रियदर्शिनी, निदेशक, भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय, राजस्व विभाग

