Bihar School News: बिहार राज्य के 11 हजार प्राइवेट स्कूलों को अब तक क्यूआर कोड दिए जा चुके हैं. इसके जरिए आप किसी भी स्कूल की कुंडली खंगाल सकते हैं. इस कतार में अभी कुछ हजार और स्कूल हैं. जिनको अभी कोड नहीं मिला है. बिहार सरकार की यह व्यवस्था आम नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है. कई बार लोग एडमिशन कराने स्कूलों में जाते हैं और उसके बारे में सही से पता नहीं लगा पाते हैं. अब आप इसके जरिए स्कूल की पूरी कुंडली निकाल सकते हैं.
दरअसल यह क्यूआर कोड आपके लिए खास होंगे. इन क्यूआर कोड के जरिए प्रत्येक निजी स्कूल की कुंडली खासतौर पर बेसिक जानकारी खंगाली जा सकेगी. जानकारों के अनुसार क्यूआर कोड में यह सुविधा होगी कि किसी भी स्कूल की मान्यता और उसके वर्तमान स्टेटस की जानकारी ली जा सकेगी. शिक्षा विभाग ने आरटीइ के दायरे में आने वाले सभी प्राइवेट स्कूलों से कहा है कि वह क्यूआर कोड के लिए आवेदन करें.
क्यूआर कोड के लिए इस पोर्टल पर करें आवेदन
प्राइवेट स्कूलों को ये आवेदन ऑनलाइन करने होंगे. विभाग की तरफ से दी गयी जानकारी के अनुसार क्यूआर कोड अभी अनिवार्य नहीं किया गया है, लेकिन जो प्राइवेट स्कूल आवेदन करेंगे, उन्हें क्यूआर कोड शिक्षा विभाग की तरफ से मुहैया करा दिया जाएगा. यह आवेदन सरकारी ज्ञानदीप पोर्टल के जरिए किया जा रहा है.
ऑनलाइन एडमिशन की जानकारी लेने में आसानी होगी
क्यूआर कोड के जरिए आरटीइ के तहत ऑनलाइन एडमिशन की जानकारी लेने में आसानी होगी. दरअसल यह सरकार को पता रहेगा कि किस स्कूल की कितनी नामांकन क्षमता है, वहां आरटीइ के तहत कितने नामांकन होने चाहिए . उल्लेखनीय है कि अभी राज्य के केवल लगभग 12 हजार स्कूलों ने ही आरटीइ के तहत एडमिशन लिए हैं.
जबकि प्राइवेट स्कूलों की संख्या इससे कहीं अधिक है. फिलहाल बिहार प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र ने बताया कि राज्य के 11 हजार से अधिक स्कूलों को क्यूआर कोड दिए जा चुके हैं, जो आवेदन देंगे, उन्हें विभाग क्यूआर कोड तत्काल मुहैया करा देगा.
Bihar Tourism : पर्यटन विभाग की ओर से बिहार के बांका जिला में तीन करोड़…
Murder in Samastipur : समस्तीपुर में अपराधियों का तांडव थमने का नाम नहीं ले रहा…
AIDS Patients in Bihar: बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि देश…
Migration in Bihar: काम-धंधे और रोजगार के लिए बिहार से दूसरे राज्य जाने वाले कामगारों…
बिहार के शहरी इलाकों की तर्ज पर अब गांव की सड़कों को भी रोड एम्बुलेंस…
Fact Check: सोशल मीडिया पर खबरें वायरल होना एक आम बात हो गई है. कभी-कभी…