Bihar Politics : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने शनिवार को दावा किया कि दिल्ली में सत्ता विरोधी भावना ने आम आदमी पार्टी (AAP) के खिलाफ काम किया और 10 सालों से दिल्ली में चली आ रही केजरीवाल की सरकार समाप्त हो गई। ऐसी ही भावना बिहार में जदयू और भाजपा की सरकार को भी नुकसान पहुंचाएगी। दिल्ली से चला बदलाव बिहार में आकर खत्म होगा। भाकपा-माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य शनिवार को समस्तीपुर परिसदन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान भाकपा माले एमएलसी कृष्ण यादव, मिथिलांचल प्रभारी धीरेंद्र झा, जिला सचिव उमेश कुमार, सुरेंद्र प्रसाद सिंह, वंदना सिंह आदि उपस्थित थीं।

इस दौरान उन्होने कहा है कि बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। यहां 20 सालों से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार बिहारवासियों के लिए अब बोझ साबित हो रही है। बिहार में अपराध चरम पर है। बेरोजगारी बढ़ रही है। पलायन और गरीबी बढ रही है। पुलिस पर बेलगाम है। दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार में अब सरकार बदलने का समय आ गया है। इसको लेकर भाकपा-माले बदलो बिहार मुहिम चला रही है।

उन्होंने कहा कि इसके लिए आगामी 2 मार्च को बदलो बिहार महाजुटान कार्यक्रम का आयोजन होना है। उन्होंने कहा कि बिहार में जहां भी मानव अधिकार का हनन हुआ है, पुलिसिया जुर्म हुआ है, इन तमाम सवालों को लेकर विधानसभा के अंदर और बाहर लड़ाई लड़ी जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि जो इस अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करना चाहते हैं तो वे साथ मिलकर लड़े।


‘कांग्रेस-AAP में बेहतर समझ होती तो ऐसा नहीं होता’ :

वामपंथी नेता ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान इस बात को खारिज कर दिया कि कांग्रेस ने ‘आप’ के वोट काटे, जिसके कारण अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी को अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा। भट्टाचार्य ने कहा, ‘दिल्ली में देखा गया है कि लोकसभा चुनाव में बड़ी संख्या में लोगों ने बीजेपी को वोट दिया, लेकिन विधानसभा चुनाव में ‘आप’ का समर्थन किया। इस बार, ऐसे मतदाताओं ने विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी के पक्ष में वोट दिया. हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस और ‘आप’ के बीच बेहतर समझ होती, तो बीजेपी को कड़ी टक्कर मिलती।
‘AAP को इससे सबक सीखना चाहिए’ :
भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘लेकिन ‘आप’ को इससे सबक सीखना चाहिए। उसे 10 प्रतिशत से अधिक वोटों का नुकसान हुआ है। उसे इस बात पर विचार करना चाहिए कि उसने आम आदमी का विश्वास कैसे खो दिया। भाकपा (माले) लिबरेशन के नेता ने आरोप लगाया कि दिल्ली में चुनाव ‘स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नहीं हुए’ और निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं को डराने-धमकाने और मतदाता सूची में हेराफेरी की शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया। वामपंथी नेता ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा महाराष्ट्र में भी इन शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया, जहां बीजेपी और उसके सहयोगियों ने शानदार जीत हासिल की थी। दिल्ली में भी यही कहानी दोहराई गई।
बिहार में चुनाव का एजेंडा हो तय :

दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार में चुनाव का एजेंडा सेट होना चाहिए। उन्होंने महागठबंधन से जुड़े लोगों को एक साथ मिलकर चुनाव के लिए एजेंडा तय करने की बात कही। उन्होंने कहा कि बिहार में जातीय जनगणना कराया गया है जनगणना के बाद आरक्षण के दायरे को 65 फ़ीसदी करने की बात कही गई थी, लेकिन इस पर आज तक अमल नहीं किया गया है भाजपा और जदयू की सरकार लोगों को ठगने का काम कर रही है।

