बिहार पुलिस में एक बड़ा प्रशासनिक बदलाव होने जा रहा है, जिससे सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक के कार्यक्षेत्र पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। नई ट्रांसफर पॉलिसी के तहत पुलिसकर्मियों को अब अपने गृह जिले में पोस्टिंग नहीं मिलेगी, और एक बार जहां काम कर चुके हैं, वहां दोबारा लौटने की भी संभावना खत्म हो जाएगी।
बिहार पुलिस मुख्यालय ने नई ट्रांसफर पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, जो कि राज्य के सभी जिलों में लागू की जाएगी। इस ड्राफ्ट को जिलों के आईजी-डीआईजी के पास भेजा गया है, ताकि उनकी राय और सुझाव भी इस नीति में शामिल किए जा सकें। पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे इस पॉलिसी के संबंध में पुलिसकर्मियों से विचार-विमर्श करें और सभी के सुझाव चार हफ्तों के भीतर पुलिस मुख्यालय को भेजें।
नई पॉलिसी के अनुसार, किसी भी पुलिसकर्मी का एक जिले में कार्यकाल अधिकतम पांच साल का होगा, और एक ही क्षेत्र में आठ साल से ज्यादा काम नहीं कर सकेंगे। इस नीति का उद्देश्य पुलिसकर्मियों की कार्यकुशलता में सुधार लाना और उनके कार्यक्षेत्र को विस्तारित करना है, जिससे कि वे नई चुनौतियों का सामना कर सकें।
ट्रांसफर के लिए एक खास सॉफ्टवेयर का भी उपयोग किया जाएगा, जो पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगा। आईजी या डीआईजी की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जाएगी जो इस प्रक्रिया को सुगम बनाने में मदद करेगी। इसके अलावा, ट्रांसफर के समय कर्मचारियों की वरिष्ठता का भी ध्यान रखा जाएगा, जिससे कि सभी को समान अवसर मिल सके।
पति-पत्नी की एक ही जगह पोस्टिंग, बच्चों की पढ़ाई और परिवार की देखभाल जैसी जरूरी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, कुछ विशेष नियम भी बनाए गए हैं। हालांकि, इस सुविधा के लिए भी शर्तें निर्धारित की गई हैं, जिसमें पुलिसकर्मी अपने गृह जिले या पहले कार्यरत क्षेत्र में पोस्टिंग के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे।