बिहार के सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों को काउंसलिंग के बाद नए विद्यालयों में पदस्थापित किया जाएगा। नए स्कूल में योगदान देने के साथ ही सभी सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षक विशेष शिक्षक कहलाएंगे। ऐसे में इन शिक्षकों को नए सिरे से नियुक्ति पत्र भी दिया जाएगा। शिक्षा विभाग इसकी तैयारी में जुट गया है। विभागीय पदाधिकारी ने बताया है कि विशेष शिक्षक बनते ही नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर्मी का दर्जा मिल जाएगा, इसलिए उन्हें नया नियुक्ति पत्र फिर से दिया जाएगा।
विभाग की तैयारी है कि 10 से 15 जून के बीच सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों की काउंसलिंग शुरू कर दी जाएगी। 10 दिनों के अंदर सभी की काउंसलिंग उनके जिले में ही करायी जाएगी। विभाग का लक्ष्य है कि 30 जून तक सभी इच्छुक शिक्षकों का पदस्थापन उनके आवंटित जिले के किसी स्कूल में कर दिया जाए। बिहार के 1,87,000 शिक्षक सक्षमता परीक्षा पास हुए हैं, जिनका पदस्थापन किया जाना है।
विभाग पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि सक्षमता परीक्षा में बेहतर अंक लाने वाले शिक्षकों को शहरी क्षेत्र के स्कूलों में पदस्थापित किया जाएगा। इसको देखते हुए शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों के रिक्त पदों की अलग-अलग सूची तैयार की जा रही है। शिक्षकों को स्कूल सॉफ्टवेयर के माध्यम से आवंटित किया जाएगा। इससे पहले रिक्त पदों और शिक्षकों की सूची को क्रमबद्ध सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार, आचार संहिता खत्म होने के तुरंत बाद ही नियोजित शिक्षकों की काउंसलिंग और आगे की प्रक्रिया को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षकों के पदस्थापन के साथ-साथ विषयवार रिक्त पदों की विवरणी को अंतिम रूप देने की तैयारी में विभाग जुट गया है। अब तक विभाग के पास जिलेवार रिक्त पदों का आंकड़ा नहीं है। विभाग इसको लेकर निरंतर जिलों से संपर्क कर रहा है। पदाधिकारी बताते हैं कि इसकी जानकारी और अद्यतन स्थिति रिपोर्ट नए विभागीय अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ के समक्ष रखी जाएगी, जिन्हें 30 जून तक के लिए केके पाठक की जगह पर अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।