Bihar Jamin E-Mapi राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग जमीन की ई-मापी के लिए आनेवाले आवेदनों को अस्वीकृत करने की गति की जांच करेगा। यह जांच रैंडम पद्धति से होगी। आवेदनों में से कुछ को उठाकर देखा जाएगा कि अस्वीकृति का आधार सही है या नहीं। रिकॉर्ड के अनुसार, करीब एक चौथाई आवेदन अस्वीकृत हो रहे हैं। शुक्रवार को अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने ई-मापी की समीक्षा के दौरान जांच का आदेश दिया।

इसमें सचिव जय सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में पाया गया कि ई-मापी के निष्पादन दर में सुधार है, लेकिन इसे और बढ़ाने की जरूरत है। तय हुआ कि हरेक अमीन के काम की जांच हो। देखा जाए कि तय मापदंडों एवं विभागीय दिशा निदेशों के अनुरूप मापी हो रही है या नहीं।

निकाला जाएगा जिलावार आंकड़ा
मापी की संख्या से भी विभाग संतुष्ट नहीं है। तय हुआ कि अमीनों के काम का जिलावार आंकड़ा निकाला जाए। पता चले कि एक महीने में औसतन कितनी मापी की जा रही है। ई-मापी के लिए रैयतों से आग्रह किया गया कि आवेदन में साइबर कैफे के बदले अपना मोबाइल नम्बर दर्ज करें।


ई-मापी के लिए आए 86,500 आवेदन
समीक्षा में पाया गया कि अबतक ई-मापी के कुल 86,500 आवेदन आए। इनमें से 40 हजार से अधिक आवेदकों ने खाते में ऑनलाइन भुगतान किया। ऑनलाइन भुगतान करने वाले 38 हजार से अधिक आवेदकों को मापी की तारीख आनलाइन मिल चुकी है। 22274 मापी प्रतिवेदन को आवेदक के पास ऑनलाइन भेज दिया गया है।
कई आवेदन अंचल अधिकारी के स्तर पर अनुमोदन के लिए लंबित हैं, जिन्हें शीघ्र भेजने का निदेश दिया गया है। भागलपुर से सबसे अधिक 5084 आवेदन आए। अधिक आवेदन वाले अन्य जिले हैं- पूर्णिया- 5080 और मुजफ्फरपुर- 5008। सबसे कम अरवल से 563, शेखपुरा से 668 और जहानाबाद 732 आवेदन आए।

