Bihar : बिहार में नौकरी के नाम पर लड़कियों का किया यौन शोषण.

बिहार के मुजफ्फरपुर में एक नेटवर्किंग कंपनी के प्रशिक्षण केंद्र में किशोरी और युवतियों के साथ यौन शोषण और मारपीट के मामले का खुलासा हुआ है। यह मामला अहियापुर के बखरी इलाके का है, जहां कोर्ट के आदेश पर अहियापुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर छपरा के मशरख थाना क्षेत्र की एक युवती की शिकायत पर दर्ज की गई है, जिसने कंपनी के संचालक के खिलाफ कई सबूत पेश किए हैं। पीड़िता ने बताया है कि उसका कई बार गर्भपात भी कराया गया। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि कंपनी के अधिकारियों ने विभिन्न जिलों की दर्जनों लड़कियों को हवस का शिकार बनाया है। नामजद आरोपियों में नोएडा सेक्टर 2 के निवासी मनीष सिन्हा, पूर्वी चंपारण के बेला निवासी इनामुल अंसारी, सीवान के विशनपुरा कोडरा निवासी तिलक कुमार सिंह, पूर्णिया के बाड़ा रहुआ निवासी अहमद रजा, हाजीपुर के रामचंद्र नगर निवासी विजय कुशवाहा, सीवान के सियाडी निवासी कन्हैया कुशवाहा, मैदनिया निवासी हृदयानंद सिंह, गोपालगंज के लौध निवासी हरेराम कुमार और सुपौल के मोहम्मद इरफान शामिल हैं।

   

मुजफ्फरपुर में एक चिटफंड कंपनी द्वारा नौकरी दिलाने के बहाने एक युवती के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पीड़िता को जब हकीकत का पता चला, तो उसने न्याय की मांग करते हुए अदालत का रुख किया। अंततः पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।

यह मामला अहियापुर थाना क्षेत्र का है, जहां डीवीआर नाम की एक फर्जी मार्केटिंग कंपनी सोशल मीडिया पर नौकरी के विज्ञापन पोस्ट कर रही थी। इस विज्ञापन में आकर्षक वेतन के साथ केवल लड़कियों के लिए नौकरी की बात कही जाती थी। कई लड़कियों ने इस कंपनी से संपर्क किया और उन्हें भारी रकम का वादा करके नौकरी पर रखा गया।

पुलिस छापेमारी और लड़कियों की मुक्ति

2023 में पुलिस ने छापेमारी कर कई लड़कियों को इस फर्जी कंपनी से मुक्त कराया था। इस दौरान, कंपनी में कुछ अपराधियों ने लड़कियों को बंधक बनाकर उनके साथ शारीरिक शोषण किया। विरोध करने पर उन्हें बेरहमी से पीटा जाता था, जिसका एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में एक लड़की को बेल्ट से पीटते हुए दिखाया गया है।

शिकायत और कोर्ट का हस्तक्षेप

छपरा जिले की एक बहादुर लड़की ने हिम्मत दिखाते हुए शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन अहियापुर थाने में उसकी एफआईआर दर्ज नहीं की गई। इसके बाद उसने कोर्ट में परिवाद दायर किया। कोर्ट के आदेश पर आखिरकार अहियापुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई। इसमें डीबीआर कंपनी के सीएमडी मनीष सिंह, तिलक सिंह, इनामुल अंसारी, अहमद रजा, विजय कुशवाहा, कन्हैया कुशवाहा, हृदय आनंद सिंह और मोहम्मद इरफान को आरोपी बनाया गया है।

हॉस्टल और मेस के नाम पर धोखाधड़ी

पीड़िता ने बताया कि फेसबुक के माध्यम से धीरज कुमार नामक युवक से उसका संपर्क हुआ, जिसने उसे एक मेडिसिन लाइन की नौकरी का झांसा दिया। इसके लिए हॉस्टल और मेस के नाम पर 20 हजार रुपये जमा कराए गए, लेकिन कोई रसीद नहीं दी गई।

 

फ्रॉड कॉल सिखाने का खुलासा

लड़की को एक फ्लैट में पांच दिन तक रखा गया, जहां 10 लड़कियां एक कमरे में रहती थीं। उसे फ्रॉड कॉल करने का प्रशिक्षण दिया गया, लेकिन कोई नौकरी या वेतन नहीं मिला। कंपनी के सीएमडी मनीष सिंह और तिलक सिंह ने उसे 50 से 52 लोगों को लाने पर 50 हजार रुपये की सैलरी का वादा किया।

शारीरिक शोषण और ब्लैकमेलिंग

शादी का झांसा देकर तिलक सिंह ने पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाए। तीन बार गर्भवती होने पर उसे दवाइयां खिलाकर गर्भपात कराया गया। 19 मई 2023 को अहियापुर थाने की रेड में उसे मुक्त कराया गया। इसके बाद तिलक सिंह के साथ नकली शादी कराकर उसे पत्नी के रूप में रखा गया और यौन शोषण किया गया।

फोन से सबूत मिटाना और किडनैपिंग

जब बखरी में रेड पड़ी, तो पीड़िता ने घर जाने की जिद की, लेकिन उसे रोका गया। बाद में उसका फोन रिसेट कर दिया गया, जिससे सारे सबूत मिटा दिए गए। उसे मुजफ्फरपुर बस स्टैंड ले जाकर 200 रुपये देकर मायके भेजा गया। केस करने के बाद उसे घर से किडनैप कर गोरखपुर से मुजफ्फरपुर लाया गया। वहां से किसी तरह भागकर उसने कोर्ट का सहारा लिया।

पुलिस की कार्रवाई

टाउन एसडीपीओ 2 बिनीता सिन्हा ने बताया कि आठ आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। पहले की शिकायत के आधार पर एफआईआर क्यों नहीं की गई, इसकी जांच की जाएगी।

   

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