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IPS Shivdeep Lande : आईपीएस शिवदीप लांडे का इस्तीफा राष्ट्रपति ने किया मंजूर, आगे क्या है शिवदीप लांडे की तैयारी?

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By Samastipur Today Desk
IPS Shivdeep Lande : आईपीएस शिवदीप लांडे का इस्तीफा राष्ट्रपति ने किया मंजूर, आगे क्या है शिवदीप लांडे की तैयारी?

 

 

बिहार के तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे (IPS Shivdeep Lande ) का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। जिसके अनुसार 13 जनवरी 2025 को शिवदीप लांडे का इस्तीफा मंजूर किया गया। जिसके बाद अब पुलिस अधिकारी के तौर पर उनकी सेवा समाप्त हो गई है।

   

आपको बता दें कि महाराष्ट्र के मूल निवासी शिवदीप लांडे पूर्णिया रेंज के आईजी के पद पर तैनात थे। इस्तीफा देने के बाद उन्हें पटना बुला लिया गया था।

शिवदीप लांडे बिहार के तेजतर्रार आईपीएस अधिकारियों में से एक के तौर पर जाने जाते हैं। वे जहां भी तैनात रहे, अपनी पुलिसिंग शैली के कारण सुर्खियों में रहे। शिवदीप लांडे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भी गए और फिर बिहार वापस आ गए। इसके बाद डीआईजी और फिर आईजी में प्रमोशन पाकर वे आईजी की भूमिका में ही रहे। वहीं पूर्णिया में पोस्टिंग के दौरान उन्होंने 19 सितंबर 2024 को अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी। हालांकि कई महीनों तक उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ।

गौरतलब है कि उन्होंने पिछले साल 19 सितंबर 2024 को पूर्णिया आईजी रहते हुए अपने पद से पुलिस सेवा से इस्तीफा दे दिया था। इससे संबंधित पत्र पुलिस मुख्यालय को भेजा गया था। जिसके बाद उनका इस्तीफा मुख्य सचिव के माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा गया था, जहां से इसे मंजूरी मिल गई।

मालूम हो कि शिवदीप लांडे ने खुद अपने फेसबुक पेज पर अपने इस्तीफे की जानकारी सार्वजनिक की थी और लिखा था कि “मैंने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) से इस्तीफा दे दिया है लेकिन मैं बिहार में ही रहूंगा और भविष्य में भी बिहार मेरी कर्मभूमि रहेगी, जय हिंद।”

शिवदीप लांडे की आगे क्या है तैयारी?

शिवदीप लांडे के इस्तीफे के बाद इस बात को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि वे आगे क्या करेंगे। इस बीच चर्चा है कि वे राजनीति में जाएंगे। हालांकि हाल ही में शिवदीप लांडे ने इसका खंडन किया और अपने फेसबुक पोस्ट में बताया कि इस्तीफा देने के बाद यानी आईपीएस से इस्तीफा देने के बाद भी वे बिहार में ही रहेंगे और बिहार उनकी कर्मभूमि रहेगी।

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