प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्रामीण के तहत आवास विहीनों अथवा कच्चे मकान में रहने वाले परिवारों की पहचान के लिए बिहार में दस जनवरी से सर्वेक्षण शुरू होगा और 31 मार्च तक चलेगा।
राज्य में छह साल बाद होने वाले इस सर्वेक्षण के तहत राज्य सरकार के कर्मी गांव-गांव जाएंगे और ऐसे लोगों की पहचान करेंगे। इसके बाद ग्राम सभा से अनुमोदन लेकर लाभुकों की सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा। फिर, इन लाभुकों को पीएम आवास योजना के तहत पक्का मकान बनाने के लिए राशि दी जाएगी।
राज्य सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के आग्रह पर भारत सरकार ने सर्वेक्षण कराने और सूची बनाने की सहमति दी है। इस संबंध में विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में इस योजना के तहत पूर्व में बनी सूची के अनुसार लाभुकों को आवास का लाभ दिया जा रहा है।
वर्तमान में राज्य में कई ऐसे परिवार हैं, जो आवास का लाभ पाने के योग्य हैं, किन्तु उनका नाम प्रतीक्षा सूची में नहीं है। इसके पहले सर्वेक्षण का कार्य वर्ष 2018-19 में किया गया था। तब से कई नये परिवार बने हैं, जिन्हें आवास का लाभ दिया जाएगा। मंत्री ने सभी जन प्रतिनिधियों को पत्र लिखकर योग्य परिवारों का नाम जुड़वाने में सहयोग मांगा है। सर्वेक्षण ग्रामीण आवास सहायकों के द्वारा किया जाएगा। जिन पंचायतों में ग्रामीण आवास सहायक कार्यरत नहीं हैं, वहां पंचायत रोजगार सेवक करेंगे।