समस्तीपुर में शनिवार को बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ, बिहार राज्य मैक्सिन कुरियर संघ, बिहार राज्य आशा और आशा फैसलेटर संघ, और बिहार राज्य ममता कार्यकर्ता संघ के बैनर तले स्वास्थ्य कर्मियों ने जुलूस निकालकर सिविल सर्जन के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान एएनएम के कार्य बहिष्कार को समर्थन दिया गया, जो 22 जुलाई से अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल पर हैं।
सिविल सर्जन कार्यालय पर आयोजित सभा में बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला मंत्री राजीव रंजन ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार को समान कार्य के लिए समान वेतन सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने मांग की कि सरकार FRAS को वापस ले, बकाया वेतन का भुगतान करे, नई पेंशन नीति को रद्द कर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करे, और न्यूनतम मजदूरी 26,000 रुपये प्रति माह तय करे। साथ ही, स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर आवश्यक सुविधाएँ प्रदान करने, एनएचएन कर्मियों को सरकारी कर्मचारी घोषित करने, और महिला कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी मांग की गई।
विभिन्न मांगों में मैक्सिन कुरियर को पूरे महीने काम उपलब्ध कराने, प्रति बक्सा भुगतान 500 रुपये और आरोग्य दिवस पर दवा ले जाने के लिए 300 रुपये मजदूरी देने की मांगें शामिल थीं। सेवा निवृत्त होने वाले कुरियर कर्मियों के लिए एक लाख रुपये का उपहार भी मांगा गया।
आशा और आशा फैसलेटर कर्मियों के लिए राज्य निधि से प्रति माह 2,500 रुपये भुगतान की मांग की गई, जिसे 10,000 रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया। साथ ही योग्यताधारी आशा को एएनएम का प्रशिक्षण देने और बकाया मानदेय का भुगतान करने के लिए 11 सूत्री मांगें सरकार के समक्ष रखी गईं। ममता कार्यकर्ताओं को सरकारी कर्मचारी घोषित करने की भी मांग की गई।
इस रैली का नेतृत्व जिला अध्यक्ष अकलेश कुमारी, आशा संघ की जिला मंत्री सुनीता प्रसाद, और कुरियर संघ के जिला मंत्री दिलीप कुमार ने किया। सभा को लक्ष्मी कान्त झा, राम कुमार झा, दीपक कुमार सिंह, महेन्द्र पंडित, विरेन्द्र कुमार सिन्हा, रघुवंश यादव, विमलेश चौधरी, और अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया।