भारत रत्न और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर की 101वीं जयंती (Karpoori Thakur 101th Birth Anniversary) पर आज भव्य समारोह का आयोजन किया गया है। झोपड़ी के लाल की जन्मस्थली कर्पूरीग्राम (पितौजिया) में आयोजित होने वाले इस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, समस्तीपुर सांसद शांभवी चौधरी के अलावा बिहार सरकार के कई मंत्री, विधायक और कई गणमान्य लोग इस समारोह में शामिल होंगे।
जयंती समारोह का मुख्य कार्यक्रम आज सुबह 11 बजे गोखूल कर्पूरी फुलेश्वरी महाविद्यालय के प्रांगण में शुरू होगा। इससे पहले नेता जी के स्मृति भवन में माल्यार्पण का कार्यक्रम होगा, जिसमें सुबह आठ बजे से माल्यार्पण का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। यहां सर्वधर्म प्रार्थना सभा भी होगी। इसके बाद अतिथि कॉलेज परिसर स्थित त्रिमूर्ति भवन और कर्पूरी प्रभावती रामदुलारी उच्च विद्यालय के प्रांगण में स्थित नेता जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। इसके बाद अतिथि कॉलेज मैदान में कर्पूरी चर्चा में अपने विचार व्यक्त करेंगे। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर अतिथियों का स्वागत करेंगे। कार्यक्रम में प्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर भजन प्रस्तुत करेंगी, जबकि प्रसिद्ध पार्श्व गायिका उर्वशी गायन करेंगी। वहीं सांसद और प्रसिद्ध गायक मनोज तिवारी गीतकार डॉ. सागर द्वारा लिखित और संगीत निर्देशक विपिन पटवा द्वारा संगीतबद्ध कर्पूरी ठाकुर की अमर गाथा पर आधारित गीत प्रस्तुत करेंगे।
गुदड़ी के लाल कहे जाने वाले जननेता कर्पूरी ठाकुर सादगी की भी प्रतिमूर्ति थे। मुख्यमंत्री के पद पर रहने के बावजूद उन्होंने अपना जीवन झोपड़ी में गुजारा। यहां तक कि उनके पिता गांव में लोगों के घर दाढ़ी बनाने जाते थे। उनके घर को देखने गए लोग उसकी हालत देखकर हैरान रह जाते थे। हालांकि अब उनकी झोपड़ी की जगह पक्के मकान के रूप में स्मृति भवन बना दिया गया है। उनकी जन्म शताब्दी वर्ष पर इस बार कार्यक्रम में कॉलेज परिसर में वैसी ही झोपड़ी बनाई गई है, जिसमें जननेता कभी रहा करते थे। प्रतीकात्मक रूप से झोपड़ी में वे चीजें भी रखी गई हैं, जिनका वे इस्तेमाल करते थे। मुसरीघरारी से उनकी पुरानी एंबेसडर कार भी ढूंढ़कर लाई गई है।