Samastipur

With Public Support, People Built A Bridge Of Passion : प्रशासनिक देरी से नाराज ग्रामीणों ने जन सहयोग से बनाया 50 मीटर लंबा लोहे का पुल

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By Samastipur Today Desk

 


 

With Public Support, People Built A Bridge Of Passion : प्रशासनिक देरी से नाराज ग्रामीणों ने जन सहयोग से बनाया 50 मीटर लंबा लोहे का पुल

 

With Public Support, People Built A Bridge Of Passion : समस्तीपुर में पुल निर्माण में हो रही देरी और प्रशासनिक सहयोग नहीं मिलने से नाराज ग्रामीणों ने आपसी जन सहयोग से लोहसारी गांव के पास बाया नदी पर करीब 50 मीटर लंबा लोहे का पुल बना दिया है। इस पुल से अब बाइक के साथ-साथ टोटो का भी आवागमन संभव हो सका है। पुल निर्माण पर लगभग 3 लाख रुपये खर्च किए गए हैं।

 

ग्रामीणों का कहना है कि पुल चालू होने से ताराधमौन के अलावा शिरलिंगपुर, अशरफपुर, पटोरी सहित कई पंचायतों की करीब 50 हजार की आबादी को प्रखंड और जिला मुख्यालय तक पहुंचना आसान हो गया है। पुल के ध्वस्त रहने के कारण ताराधमौन के लोगों को पटोरी बाजार और स्टेशन आने-जाने के लिए करीब 5 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती थी, जो अब घटकर मात्र 1 किलोमीटर रह गई है।

आजादी के बाद से नहीं बन सका स्थायी पुल

ग्रामीण अनिरंजन कुमार ने बताया कि आजादी के बाद से अब तक यहां स्थायी पुल का निर्माण नहीं हो सका। पहले लोग नाव के सहारे नदी पार करते थे। वर्ष 1994 में तत्कालीन मुखिया स्वर्गीय भुवनेश्वर राय ने जन सहयोग से दो पाया बनवाकर लकड़ी का पुल तैयार कराया, जिससे लोगों की आवाजाही शुरू हुई।

साल 2023 में बाया नदी की उड़ाही के दौरान पुल के दोनों पाया कमजोर हो गए और पानी बढ़ने पर पुल गिर गया। इसके बाद ग्रामीणों ने फिर से आपसी सहयोग से पुल के बगल में चचरी पुल बनाया, लेकिन महापर्व छठ के दौरान नदी में अत्यधिक पानी आने से वह भी ध्वस्त हो गया।

जन सहयोग से बनाया गया लोहे का पुल

ग्रामीण अंजीव कुमार ने बताया कि छठ के दौरान चचरी पुल टूटने के बाद लोहसारी घाट से आवागमन पूरी तरह बंद हो गया था। लोगों को मजबूरी में 5 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही थी। ऐसे में लोगों ने आपसी सहयोग से खिड़की में उपयोग होने वाले पतले लोहे के एंगल जोड़कर टोटो चलने लायक लोहे का पुल तैयार किया।

पुल निर्माण में लगे कारीगर शरीफ शर्मा ने बताया कि इसमें मजबूत लोहे का इस्तेमाल किया गया है। मोटे एंगल को पाये के रूप में लगाया गया है, जिससे बाइक और टोटो जैसे लोडेड वाहन भी आसानी से पुल पार कर सकते हैं।

3.76 करोड़ की लागत से आरसीसी पुल को मिली स्वीकृति

इस संबंध में स्थानीय विधायक राजेश कुमार सिंह ने बताया कि पिछले सत्र में ही इस स्थल पर 3.76 करोड़ रुपये की लागत से आरसीसी पुल निर्माण की स्वीकृति मिल चुकी है। फिलहाल मामला टेंडर प्रक्रिया में है। टेंडर की प्रक्रिया पूरी होते ही यहां स्थायी आरसीसी पुल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।