हाल ही में समस्तीपुर की सांसद शांभवी द्वारा दिए गए बयान ने जिले में राजनीतिक हलचल मचा दी है। उनके इस बयान पर विपक्षी दलों के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसमें उन्होंने समस्तीपुर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को कमतर आंकने का आरोप लगाया है। सांसद शांभवी ने कहा था कि “जब मैंने संसद में समस्तीपुर की चर्चा की, तब लोग जानने लगे कि समस्तीपुर कहां है।” इस बयान पर कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने कड़ी आलोचना की है। भाकपा माले के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि शांभवी ने समस्तीपुर की खोज की है, और मोदी सरकार को उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करना चाहिए।
समस्तीपुर की पहचान केवल किसी व्यक्ति विशेष से नहीं है, बल्कि यह शहर अपने ऐतिहासिक महत्व और समृद्ध विरासत के लिए जाना जाता है। विभूतिपुर के माकपा विधायक अजय कुमार ने कहा कि समस्तीपुर की पहचान उसके रेल कारखाने, कृषि विश्वविद्यालय, और चीनी व जूट कारोबार से है। उन्होंने कहा कि समस्तीपुर का विकास जननायक कर्पूरी ठाकुर और स्वर्गीय मंत्री एलएन मिश्रा जैसे नेताओं के कार्यकाल में हुआ था, न कि वर्तमान सांसद की वजह से। राजद के विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने भी शांभवी के बयान की निंदा करते हुए कहा कि उनका बयान अज्ञानता और बड़बोलेपन को दर्शाता है। समस्तीपुर की ऐतिहासिक और राजनीतिक धरोहर को नजरअंदाज करना एक बड़ी भूल है। उन्होंने कहा कि समस्तीपुर कर्पूरी ठाकुर की धरती है, जिसे पूरे देश में सम्मान के साथ जाना जाता है।
कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अबू तमीम ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि शांभवी के समस्तीपुर आने से पहले किसी को उनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन समस्तीपुर पहले से ही अपने महान नेताओं जैसे कर्पूरी ठाकुर, बलिराम भगत और सत्यनारायण सिंह की वजह से प्रसिद्ध है।
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