देश में लागू हुए नए कानूनों के प्रावधानों से आम जनता और जनप्रतिनिधियों को अवगत कराने के लिए जिले के विभिन्न थानों में सोमवार को विशेष बैठकें आयोजित की गईं। इन बैठकों में बताया गया कि नए कानून में दंड की जगह न्याय पर अधिक जोर दिया गया है, जिससे पीड़ितों को न्याय मिलने में सहूलियत होगी।
विद्यापतिनगर थाने में आयोजित बैठक की अध्यक्षता थानाध्यक्ष फिरोज आलम ने की। इसमें जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को नए कानून के प्रावधानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। थानाध्यक्ष ने बताया कि अब भारतीय दंड संहिता का नाम बदलकर भारतीय न्याय संहिता कर दिया गया है। इस अवसर पर उपस्थित एसआई अख्तर अंसारी, एसआई पिंकी कुमारी, एएसआई रंजीत कुमार और अन्य ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
उजियारपुर और अंगारघाट थानों में भी इसी प्रकार की बैठकें आयोजित की गईं, जहां थानाध्यक्षों ने नए कानून की धाराओं और उनके प्रावधानों पर प्रकाश डाला। अंगारघाट थानाध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता में अब केवल 358 धाराएं रह गई हैं, जो पहले 511 थीं।
मथुरापुर थाने में आयोजित बैठक में थानाध्यक्ष मुकेश कुमार ने लोगों को नए कानून में हुए बदलावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में कानून के प्रावधानों की फोटोकॉपी भी वितरित की गई। चकमेहसी थाने में आयोजित बैठक की अध्यक्षता अपर थानाध्यक्ष शंभू कुमार सिंह ने की। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे नए आपराधिक कानून के बारे में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करें। कल्याणपुर थाने में प्रशिक्षु डीएसपी और थानाध्यक्ष नीतीश चंद्रधारिया ने बैठक की अध्यक्षता की और नए कानून के प्रावधानों पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर उप प्रमुख दीपक कुमार, बीडीओ देवेंद्र कुमार, इंस्पेक्टर अवधेश कुमार सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।