समस्तीपुर नगर निगम बने चार साल और निगम चुनाव हुए तीन साल गुजर चुके हैं, लेकिन शहरवासियों को अब तक ऑनलाइन कर भुगतान की सुविधा नहीं मिल पाई है। संपत्ति कर वसूली का जिम्मा निगम ने एक निजी एजेंसी को सौंप रखा है, जो शुरू से विवादों में रही है।

इस कारण करदाताओं को कर जमा करने और संपत्ति असेसमेंट के लिए निगम कार्यालय या एजेंसी के चक्कर लगाने पड़ते हैं। कई करदाता जो शहर से बाहर रहते हैं, उन्हें समय-समय पर शहर आने पर और ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती है। एजेंसी के पास या निगम कार्यालय में कर दारोगा और सहायक कर संग्राहकों के आगे-पीछे करना उनकी मजबूरी बन जाती है।

ढाई साल से ऑनलाइन संपत्ति कर और घर-घर कचरा टैक्स की व्यवस्था लागू करने की कवायद जारी है, लेकिन अब तक केवल तैयारी ही हो रही है। निगम ने दावा किया था कि मोबाइल एप और सेल्फ असेसमेंट सिस्टम शुरू किया जाएगा, फिलहाल केवल वेबसाइट से टैक्स जमा कराने की योजना पर बात हो रही है।

शहरवासियों का कहना है कि दूसरे नगर निगमों में पूरी तरह ऑनलाइन व्यवस्था है, लेकिन समस्तीपुर में यह लागू नहीं होना निगम प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। लोगों का मानना है कि ऑनलाइन पोर्टल बनने से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि करदाताओं को घर बैठे सुविधा भी मिल सकेगी।

वर्तमान में आउटसोर्स एजेंसी ने अपने स्तर से कर संग्राहक नियुक्त कर रखे हैं, जबकि निगम के अपने टैक्स दारोगा और संग्राहक पहले से मौजूद हैं। इनकी भूमिका अब सिर्फ निगरानी और एजेंसी को सहयोग देने तक सीमित कर दी गई है।


शहर में कुल 47 वार्ड हैं तथा शहर की आबादी तीन लाख से अधिक जा चुकी है। ऑनलाइन व्यवस्था पर जब पूर्व नगर आयुक्त से बात की गई थी तो उस समय उन्होंने कहा था कि इस व्यवस्था पर काम चल रहा है। लोगों को घर बैठे टैक्स जमा कराने व सेल्फ असेसमेंट की सुविधा का लाभ जल्द दिलाया जाएगा। यह निगम का मुख्य मकसद भी है। -अनिता राम, मेयर

