समस्तीपुर में 10 सूत्री मांगों को लेकर बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ तथा बिहार राज्य आशा एवं आशा फैसिलिटेटर संघ ने संयुक्त रूप से मंगलवार को शहर में जुलूस निकालकर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन का नेतृत्व बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के जिला मंत्री राजीव रंजन ने किया। इससे पहले लोगों ने बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ स्थल से शहर में जुलूस निकाला।

जुलूस शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए सदर अस्पताल परिसर स्थित सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचा, जहां लोगों ने स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की और सिविल सर्जन के प्रति भी नाराजगी व्यक्त की।

बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत झा ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री और तत्कालीन सरकार स्वास्थ्य कर्मियों के प्रति मनमाना रवैया अपना रही है। लगातार आंदोलनों के बावजूद आशा फैसिलिटेटर से लेकर निविदा कर्मचारियों का मानदेय नहीं बढ़ाया जा रहा है और नौकरियां अस्थायी रखी जा रही हैं।

बिहार राज्य आशा एवं आशा फैसिलिटेटर संघ की जिला संयोजक सुनीता प्रसाद ने कहा कि बिहार सरकार की ओर से आशा कार्यकर्ताओं को दी जाने वाली पारितोषिक राशि को दोगुना करने का आश्वासन 2023 में दिया गया था, बावजूद इसके अब तक पुरानी राशि का ही भुगतान हो रहा है। इसके साथ ही उन्होंने सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष करने, सेवानिवृत्ति लाभ के रूप में 10 लाख रुपये देने तथा 10,000 रुपये प्रतिमाह पेंशन देने की भी मांग की।

वक्ताओं ने कहा कि भारत सरकार से अविलंब लोकसभा में प्रश्नकाल में दिए गए जवाब के अनुरूप 2,000 रुपये के बदले 3,500 रुपये बढ़ी हुई प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाना चाहिए।

कार्यक्रम में बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के जिला मंत्री राजीव रंजन, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत झा, देवेंद्र प्रसाद यादव, किरण देवी, विभा कुमारी आदि शामिल हुए।

