समस्तीपुर जिले की न्यायपालिका ने कानून के अनुपालन में लापरवाही को गंभीरता से लिया है। रोसड़ा थाना अध्यक्ष के खिलाफ एक असाधारण कदम उठाते हुए विशेष न्यायाधीश उत्पाद-1 ने अदालत के निर्देशों की अनदेखी के चलते उनका वेतन अस्थायी रूप से रोकने का आदेश जारी किया है। यह मामला अदालत के निर्देशों का पालन न करने से उत्पन्न हुआ है, जिससे यह संकेत मिलता है कि न्यायिक निर्देशों की अवमानना को गंभीरता से लिया जाएगा।

समस्तीपुर की विशेष न्यायालय ने 15 मई, 2024 को रोसड़ा थाना को जब्त किए गए सामानों की रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। इस आदेश की अवहेलना के चलते, न्यायालय ने कड़ा कदम उठाते हुए थाना अध्यक्ष के वेतन को अस्थायी रूप से रोकने का फैसला सुनाया। रिपोर्ट न देने के कारण कोर्ट को मजबूरन सख्त रुख अपनाना पड़ा।

यह पहली बार नहीं है जब संबंधित थाना के अधिकारियों ने अदालती निर्देशों की अवहेलना की है। 24 सितंबर, 2024 को भी कोर्ट ने थाना को रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश जारी किया था, पर इसका पालन नहीं हुआ। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि वेतन रोकने का यह आदेश तब तक लागू रहेगा, जब तक कि संबंधित अधिकारी कोर्ट के निर्देशों का पूरी तरह से पालन नहीं करते।

विशेष न्यायाधीश ने अगली सुनवाई तक सभी निर्देशों का पालन करने का आदेश दिया है। अदालत के इस निर्णय ने प्रशासनिक और पुलिस तंत्र के प्रति अदालत की कड़ी निगरानी को उजागर किया है, जो कानून के प्रति जवाबदेही और समयबद्धता सुनिश्चित करने की ओर इशारा करता है।
