समस्तीपुर में स्वास्थ्य विभाग की प्रशासनिक खामियों के चलते चार एएनएम सड़क पर आ गई हैं। महीनों से वे स्थानांतरण के बाद योगदान की अनुमति और वेतन के लिए संघर्ष कर रही हैं। अब सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर धरना देकर न्याय की मांग कर रही इन एएनएम ने मंगलवार से आमरण अनशन शुरू करने का ऐलान कर दिया है।

धरने पर बैठी चार एएनएम — उषा कुमारी, किरण कुमारी, निभा कुमारी, और गुंजन कुमारी का कहना है कि सितंबर महीने में उन्हें कल्याणपुर स्थानांतरित किया गया था। स्थानांतरण के आदेश को निदेशक प्रमुख से मंजूरी भी मिली, और 7 सितंबर को इन सभी ने कल्याणपुर प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी के समक्ष योगदान दिया।

हालांकि, 16 नवंबर को प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी ने स्थानांतरण को अवैध मानते हुए इन्हें वापस सिविल सर्जन के पास भेज दिया। तब से लेकर अब तक न तो इन्हें कहीं योगदान दिया गया है, न ही वेतन का भुगतान हुआ है। इससे मजबूर होकर चारों एएनएम सिविल सर्जन कार्यालय पर धरना दे रही हैं।


धरना स्थल पर बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला मंत्री राजीव रंजन ने कहा कि प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी की मनमानी के कारण ये एएनएम महीनों से भटक रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विभागीय प्रक्रिया का पालन न कर मनमर्जी से कार्य किया गया। संघ ने मांग की है कि इन एएनएम को तुरंत योगदान दिलाया जाए और उनका बकाया वेतन जारी किया जाए।

सिविल सर्जन डॉक्टर एस के चौधरी ने कहा कि प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी की कार्रवाई के खिलाफ सरकार को पत्र भेजा गया है। उन्होंने भरोसा दिया कि जल्द ही इस मामले का समाधान होगा।