समस्तीपुर शहर की सड़कों पर बीते कुछ वर्षों में लोगों से अधिक ई-रिक्शा नजर आने लगे हैं। हालांकि, यह सुविधा की जगह समस्याओं का कारण बन रही है। इनमें से आधे से अधिक ई-रिक्शा अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं, जिससे यातायात जाम और सुरक्षा चिंताओं में वृद्धि हो रही है। जिले में लगभग 15,000 ई-रिक्शा सड़कों पर दौड़ रहे हैं, जिनमें से करीब 6,000 बिना रजिस्ट्रेशन के हैं। शहर में लगभग 3,000 अवैध ई-रिक्शा हैं। परिवहन विभाग की लापरवाही के कारण इन ई-रिक्शा का निबंधन नहीं हो पा रहा है और इनकी संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। अधिकतर ई-रिक्शा चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं है।
बिहार मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन कर ई-रिक्शा का संचालन हो रहा है। ई-रिक्शा के लिए चालक को ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन का रजिस्ट्रेशन, फिटनेस सहित अन्य कागजात होने चाहिए। हालांकि, रजिस्ट्रेशन के समय दो साल का फिटनेस फ्री रहता है, इसके बाद हर साल फिटनेस प्रमाणपत्र आवश्यक होता है।
अवैध ई-रिक्शा का संचालन कानून का उल्लंघन है और इससे सरकार को राजस्व की हानि होती है। स्थानीय प्रशासन को सख्त कानून लागू कर बिना लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के ई-रिक्शा चलाने वालों पर कार्रवाई करनी चाहिए। नियमित चेकिंग अभियान चलाकर अवैध ई-रिक्शा को जब्त किया जाना चाहिए और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल और त्वरित बनाया जाना चाहिए।
अत्यधिक संख्या में ई-रिक्शा सड़कों पर चलने से यातायात जाम की समस्या बढ़ जाती है, जिससे आम लोगों को यात्रा में कठिनाई होती है। बिना उचित लाइसेंस और सुरक्षा उपकरणों के चलते ई-रिक्शा चालक दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ा देते हैं। शहर में हर रोज ट्रैफिक की समस्या उत्पन्न होती है, लेकिन प्रशासन की अनदेखी के कारण इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। शहर के विभिन्न स्थानों पर जाम की स्थिति बनी रहती है।
प्रशासन द्वारा सभी ई रिक्शा चालकों को एक आदेश देना चाहिए कि अपना अपना ड्राइविंग लाइसेंस का फोटो कॉपी करवा कर सामने शीशा पर चिपक के रखें और जिनके शीशा पर चिपका नहीं रहे उसपर कार्रवाई किया जाए उसे जुर्माना उसूला इससे होगा क्या कि सड़क पर वाहन चेकिंग के दौरान जाम भी नहीं लगेगा