समस्तीपुर के कर्पूरी बस स्टैंड में शाम ढलते ही गहरा अंधकार फैल जाता है, जिससे न केवल यात्रियों को परेशानी होती है बल्कि असामाजिक तत्वों को भी मौके का फायदा मिलता है। यह समस्या कई वर्षों से बनी हुई है, लेकिन इसका समाधान अब तक नहीं किया गया है। शहर का कर्पूरी बस स्टैंड, जो जिले का प्रमुख यात्री ठहराव स्थल है, शाम होते ही अंधेरे में डूब जाता है। रोशनी की उचित व्यवस्था न होने के कारण यह स्थान पियक्कड़ों और जुआरियों के लिए सुरक्षित अड्डा बन जाता है। बाहर से आने वाले यात्री, खासकर महिलाएं, अंधकार के कारण बस स्टैंड परिसर में खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। यात्री शेडों में ठहरने के बजाय वे अंधेरे से बचने के लिए बाहर की रोशनी में रुकने को मजबूर हो जाते हैं।
स्थानीय दुकानदारों और यात्रियों का कहना है कि बस स्टैंड के बाहर की तुलना में अंदर अंधेरा बना रहता है, जिससे यात्री असुविधा का सामना करते हैं। महिला यात्रियों को विशेष रूप से इस स्थिति का सामना करना पड़ता है, क्योंकि अंधेरे की वजह से वे परिसर में सुरक्षित महसूस नहीं करतीं। बस स्टैंड परिसर में मौजूद स्ट्रीट लाइटों के पोल चार साल पहले तक काम कर रहे थे, लेकिन बिजली के तार काट दिए गए, जिसके बाद से यह समस्या और गंभीर हो गई। नगर निगम ने ठेकेदार नियुक्त किया है, लेकिन अब तक बिजली की व्यवस्था बहाल नहीं हो पाई है।
नगर निगम के अधिकारी भूपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन वे जांच कर उचित व्यवस्था कराने की बात कहते हैं। वहीं, बस स्टैंड के संचालक अनंत कुमार ने नगर निगम को लिखित रूप में बिजली की मांग की है और उम्मीद जताई है कि जल्द ही यह समस्या हल हो जाएगी।