समस्तीपुर शहर के काशीपुर इलाके में मंगलवार को एक सनसनीखेज घटना सामने आई, जब कचरे के ढेर में मानव शरीर का कटा हुआ अंग बरामद हुआ। इस घटना ने न सिर्फ लोगों को झकझोर दिया, बल्कि नगर निगम की लापरवाही और चिकित्सा अपशिष्ट के गैर-जिम्मेदाराना निपटान को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है।

काशीपुर वार्ड संख्या 34 में जब स्थानीय लोग रोजमर्रा की तरह अपने काम में लगे थे, तभी अचानक कचरे के ढेर में एक कटा हुआ पैर मिलने से अफरा-तफरी मच गई। चश्मदीदों के मुताबिक, यह किसी युवक का पैर था, जिसे संभवतः काटकर फेंका गया था। हालांकि घटनास्थल पर कोई और मानव अंग नहीं मिला, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि यह अपराध की घटना है या किसी चिकित्सकीय प्रक्रिया का हिस्सा।

नगर निगम के सफाईकर्मियों ने जब उस अंग को बोरे में डालकर वहां से हटाया, तो लोगों ने कुछ हद तक राहत की सांस ली, लेकिन इस घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए। स्थानीय पार्षद प्रतिनिधि विजय कुशवाहा का मानना है कि यह किसी युवक का ऑपरेशन में कटा हुआ अंग हो सकता है, जिसे गैर-जिम्मेदारी से खुले में फेंक दिया गया।

क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि इलाके में कई बार नवजात शव, प्लासेंटा जैसे मेडिकल वेस्ट कचरे में पड़े मिले हैं, जिससे स्वास्थ्य को गंभीर खतरा बना रहता है। स्थानीय निवासी यह भी कहते हैं कि उन्होंने प्रशासन को कई बार शिकायत की, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।


इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. एसके चौधरी ने भी माना कि शहर में कई नर्सिंग होम बिना मान्यता के चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


