Samastipur News : समस्तीपुर में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा समस्तीपुर जंक्शन पर तंबाकू मुक्ति प्रदर्शनी लगाई गई। इसका उद्घाटन सीनियर डीओएम विजय प्रकाश ने दीप प्रज्वलन कर किया। इस दौरान सीनियर डीओएम विजय प्रकाश ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज यह सेवा कार्य नि:स्वार्थ भाव से कर रही है।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के प्रचारक बीके तरुण ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर वर्ष पूरे विश्व में लगभग 80 लाख लोगों की मृत्यु तंबाकू की वजह से होती है, जिसमें से साढ़े 13 लाख लोग भारतीय हैं। भारत में लगभग 27 प्रतिशत वयस्क आबादी किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करती है।

उन्होंने कहा कि तंबाकू का सेवन करने वाले हर दो लोगों में से एक की मृत्यु का कारण तंबाकू होता है। हर 6 सेकंड में एक मृत्यु का कारण तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन करना है। एक सिगरेट का सेवन करने से हमारी आयु 11 मिनट कम हो जाती है। तंबाकू से हमारे शरीर, विचार, परिवार, पर्यावरण, अर्थव्यवस्था सभी को भयंकर दुष्परिणाम झेलने पड़ते हैं।

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय इस क्षेत्र में विगत लगभग 40 वर्षों से देश भर में कार्य कर रहा है। यहां के द्वारा सिखाये जाने वाले राजयोग मेडिटेशन से किसी भी प्रकार के नशे से मुक्त होने में शत-प्रतिशत सफलता मिलती है। इसी सफलता को देखते हुए भारत सरकार ने नशा मुक्त भारत अभियान के तहत लोगों को इसके बारे में जागरूक करने के लिए ब्रह्माकुमारीज को अपना सहभागी बनाया है।

पिछले वर्ष ही मिशन स्पंदन के तहत भारत सरकार के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने नशे के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए ब्रह्माकुमारीज के साथ एमओयू साइन किया है। समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर भी विगत 25 वर्षों से हर वर्ष यह प्रदर्शनी लगाई जाती है।


इस मौके पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के सविता बहन ने राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास कराया। इस दौरान लोगों ने दान पेटी में तंबाकू, सिगरेट आदि को डालकर इसे छोड़ने का संकल्प किया। वहीं ओम प्रकाश भाई ने तंबाकू मुक्ति का संकल्प करवाया एवं प्रदर्शनी का अवलोकन भी कराया। इस कार्यक्रम का संचालन कृष्ण भाई ने किया। इस कार्यक्रम में रेलवे के कई अधिकारी एवं कर्मचारीगण सहित बड़ी संख्या में यात्रीगण भी उपस्थित थे।

