आज दिनांक 2 जून को मगरदही मोहनपुर स्थित राहुल पैलेस में जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पुर्व राज्यसभा सांसद सह जदयू के राष्ट्रीय चुनाव प्रभारी अनिल हेगड़े ,जद यू शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार मौजूद रहे।इस कार्यक्रम की अध्यक्षता एवं संचालन जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष राजीव मिश्रा ने किया। इस अवसर पर पुर्व राज्यसभा सांसद अनिल हेगड़े ने संबोधित करते हुए कहा कि 2005 के बाद शिक्षा की व्यवस्था सुधारने के लिए विशेष अभियान के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के शिक्षा को मजबूत एवं विस्तारित किया है।वर्ष 2005 में शिक्षा का कुल बजट 4,366 (चार हजार तीन सौ छियासठ) करोड़ रूपये था, जो अब वर्ष 2024-25 में 77,690 (सतहत्तर हजार छः सौ नब्बे) करोड़ रूपये हो गया है जो कुल बजट का 22 प्रतिशत है।

बड़ी संख्या में नए विद्यालय खोले गए हैं। वर्ष 2005 में जहाँ कुल 53 हजार 993 विद्यालय ही थे। 2025 में यह संख्या बढ़कर 75 हजार 812 हो गयी है। अब 97.61 प्रतिशत टोले विद्यालयों से आच्छादित हो गये हैं।

सभी पंचायतों में उच्च विद्यालय की स्थापना और 12वीं की पढ़ाई शुरू की गई ताकि छात्राओं को सुविधा हो।

शिक्षकों की संख्या लगातार बढ़ाई गई है। बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से वर्ष 2024 में 2,38,744 (दो लाख अड़तिस हजार सात सौ चौवालिस) शिक्षक नियुक्त किये गये एवं वर्ष 2025 में 36,947 (छत्तीस हजार नौ सौ सैंतालीस) प्रधान शिक्षकों एवं 5,971 (पांच हजार नौ सौ इकहत्तर) प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति की गई।

राज्य के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए सरकार ने वर्ष 2006 से स्थानीय निकायों के माध्यम से 3,68,000 (तीन लाख अरसठ हजार) शिक्षकों का नियोजन किया। वर्ष 2023 में राज्य सरकार ने शिक्षकों की नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से करने का निर्णय लिया, जिसमें 28,976 (अठाइस हजार नौ सौ छिहत्तर) नियोजित शिक्षक भी उत्तीर्ण हुए।

सरकार ने तय किया है कि अब इन्हें बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं है। सरकार ने यह भी निर्णय लिया कि शेष 3,39,024 (तीन लाख
उनतालिस हजार चौबिस) नियोजित शिक्षकों के लिए एक साधारण सक्षमता परीक्षा लेकर उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए। दो चरणों की सक्षमता परीक्षा में कुल 2,53,961 (दो लाख तिरपन हजार नौ सौ इकसठ) नियोजित शिक्षक उत्तीर्ण होकर राज्यकर्मी हो गए हैं। बचे हुए 85,063 (पच्चासी हजार तिरसठ) नियोजित शिक्षकों के लिए सक्षमता परीक्षा
के तीन अवसर उपलब्ध हैं।
अब 2025 में शिक्षकों की संख्या बढ़कर 5 लाख 97 हजार 742 हो गई है।
वर्ष 2006-07 में छात्र एवं छात्राओं के लिए पोशाक योजना शुरू की गई।
वर्ष 2008 में 9वीं वर्ग की छात्राओं के लिए साईकिल योजना चलाई गई फिर 2010 से लड़कों को भी साईकिल दी गई।
जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार ने कहा वर्ष 2005 में 12.5 प्रतिशत बच्चे विद्यालय से बाहर थे जो अधिकतर महादलित वर्ग एवं मुस्लिम समुदाय के थे। इन बच्चों को विद्यालय लाने के लिए कई विशेष प्रयास किए गए। जिसमें महादलित परिवार के बच्चों के लिए टोला सेवक तथा मुस्लिम समुदाय के बच्चों के लिए टोला सेवक (तालिमी मरकज) की नियुक्ति की गयी जो इन समुदाय के बच्चों को स्कूल ले जाने का काम करते हैं। अब तक किए गए प्रयासों से अब एक प्रतिशत से भी कम बच्चे ही स्कूल से बाहर रह गए हैं।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को सुदृढ़ किया गया है। अब बिल्कुल समय पर मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट परिक्षाओं के परिणाम आते हैं। इस वर्ष बिहार राज्य पूरे देश में पहला राज्य रहा जिसने मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा के परिणाम समय से पहले घोषित किये हैं।
उच्च शिक्षा के लिए विशेष ध्यान सरकार द्वारा दिया गया है। जहाँ वर्ष 2005 में 10 राजकीय विश्वविद्यालय थे, वर्ष 2025 में अब 21 राजकीय विश्वविद्यालय, 4 केन्द्रीय विश्वविद्यालय और 8 नए निजी विश्वविद्यालय गठित हुए हैं।
सरकार का यह निर्णय है कि अब हर प्रखण्ड मुख्यालय में चरणबद्ध तरीके से डिग्री कॉलेज की स्थापना की जाएगी, इस पर काम भी प्रारंभ हो गया है।
कई राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना राज्य सरकार के प्रयास और सहयोग से की गई है:
(क) चाणक्या राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 2006 में की गई।
(ख) चन्द्रगुप्त प्रबंधन संस्थान की स्थापना वर्ष 2007 में की गई।
(ग) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, (IIT) पटना की स्थापना वर्ष 2008 में की गई।
(घ) राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (NIFT) की स्थापना 2008 में की गई।
(ड.) भारतीय प्रबंध संस्थान, (IIM) बोधगया की स्थापना वर्ष 2015 में की गयी।
(च) भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) भागलपुर की स्थापना वर्ष 2017 में की गयी।
बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग का गठन 2017 में किया गया है। इसके माध्यम से व्याख्याताओं की बहाली शुरू की गई।
साक्षरता दर में भी काफी वृद्धि हुई है। अब यह 79.70 प्रतिशत हो गई है। महिलाओं की साक्षरता दर जो वर्ष 2001 में 33.57 प्रतिशत थी अब यह बढ़कर 73.91 प्रतिशत हो गई है।

सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज दो से बढ़कर अब 38 हो गए हैं। पॉलिटेक्निक संस्थानों की संख्या 13 से बढ़कर 46 एवं आई०टी०आई० की संख्या 23 से बढ़कर 152 हो गई है। बिहार के बच्चे इंजीनियरिंग पढ़ने के लिए राज्य के बाहर जाया करते थे क्योंकि वर्ष 2005 में सरकारी अभियंत्रण महाविद्यालयों में मात्र 460 सीटें थी। अब 2025 में सीटों की सख्या बढ़कर 14,469 (चौदह हजार चार सौ उनहत्तर) हो गई है। इस अवसर पर जदयू जिलाध्यक्ष सह जिला बीस सुत्री उपाध्यक्ष डॉ दुर्गेश राय,पुर्व सांसद अश्वमेघ देवी,पूर्व विधायक राज कुमार राय,डॉ पिंकु यादव, रंधीर कुमार मिश्रा, अप्सरा मिश्रा,संजय सिंह, सुशील गुप्ता,जिला प्रवक्ता जदयू अनस रिजवान,प्रो तकी अख्तर,ने संबोधित किया। इस मौके पर रजा अहमद,गोरव शर्मा, तोहिद अंसारी,मिंटु सिंह सहित अन्य कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।अंत मे सभा अध्यक्ष द्वारा धन्यवाद ज्ञापन उपरांत सभा की कार्यवाही समाप्त की गयी।

