नर्सिंग केवल एक पेशा नहीं, बल्कि मानवता की सेवा का एक जीवंत उदाहरण है। इसी भावना को सम्मान देने के लिए समस्तीपुर के मुक्तापुर स्थित मन्नीपुर मंदिर के नजदीक पनासिया मेडिकल एजुकेशन इंस्टिट्यूट में इंटरनेशनल नर्सिंग डे पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
12 मई 2025 को इंटरनेशनल नर्सिंग डे के अवसर पर संस्थान में पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं ने कई जागरूकता कार्यक्रम और संवाद सत्र आयोजित किए। इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य समाज में नर्सों की भूमिका को उजागर करना और स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा करना था।

क्यों मनाया जाता है नर्स डे?
नर्स डे मशहूर नर्स फ्लोरेंस नाइटिंगेल को समर्पित है। 12 मई को नर्स फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म हुआ था। उनकी स्मृति में हर साल 12 मई को अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। फ्लोरेंस नाइटिंगेल को लेडी विद दे लैंप के नाम से भी जाना जाता है।नर्सों के सम्मान के लिए पहली बार अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस का साल 1974 में मनाया गया था।
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस की थीम 2025
हर साल इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सस यानी ICN अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस की एक थीम चुनता है। इस साल 2025 में नर्स दिवस की थीम है नर्स: नेतृत्व करने के लिए एक आवाज – गुणवत्ता प्रदान करना, समानता सुनिश्चित करना (Nurses: A Voice to Lead – Delivering Quality, Securing Equity)
इस मौके पर छात्रों ने स्वास्थ्य, स्वच्छता, प्राथमिक चिकित्सा और सामाजिक समस्याओं जैसे विषयों पर प्रस्तुति दी। उन्होंने यह भी बताया कि एक नर्स न सिर्फ अस्पतालों में बल्कि समाज में भी एक अहम भूमिका निभाती है — चाहे वह मरीजों की देखभाल हो या मानसिक संबल देना।
कार्यक्रम के दौरान करियर गाइडेंस सेशन भी आयोजित किया गया, जिसमें नर्सिंग क्षेत्र में करियर बनाने की संभावनाओं, उपलब्ध पाठ्यक्रमों और भविष्य की संभावनाओं पर छात्रों को जानकारी दी गई। प्रोफेसर अनिल राजपूत ने बताया कि संस्थान में वर्तमान में बीएससी नर्सिंग, जीएनएम और एमएन कोर्स के लिए दाखिले प्रारंभ हो चुके हैं। उन्होंने 12वीं पास छात्रों से अपील की कि वे इस संस्थान में दाखिला लेकर चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में उज्जवल भविष्य बना सकते हैं।


