Samastipur : लाठी चार्ज और गिरफ्तारी को लेकर महागठबंधन प्रतिनिधिमंडल ने की समस्तीपुर डीएम से मुलाकात.

समस्तीपुर ज़िले के जितवारपुर हकीमाबाद गांव में हाल ही में घटित दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर स्थानीय लोग और महागठबंधन के नेताओं ने जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। इस घटना में एक किशोरी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, जिसके बाद पुलिस कार्रवाई में लापरवाही का आरोप लगाते हुए गांव के लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा लाठीचार्ज और गिरफ्तारी ने मामले को और तूल दे दिया। इस संदर्भ में महागठबंधन के प्रतिनिधिमंडल ने डीएम से मुलाकात की और निष्पक्ष जांच व कार्रवाई की मांग की।

   

15 सितंबर की रात जितवारपुर हकीमाबाद गांव की एक किशोरी के घर से गायब होने की खबर ने पूरे गांव में सनसनी फैला दी थी। अगले ही दिन उसका शव बूढ़ी गंडक नदी के पास मिला। परिजनों ने शक जताया कि किशोरी के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या की गई है। लेकिन पुलिस की ओर से कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई, जिससे गांव वालों में आक्रोश फैल गया। जब स्थानीय लोग इस मामले में उचित कार्रवाई की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया और कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

महागठबंधन के नेताओं ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सोमवार को डीएम रोशन कुशवाहा से मुलाकात की और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। नेताओं का कहना था कि अगर इस मामले में जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो वे आंदोलन की योजना तैयार करेंगे। विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों पर लाठी चलाने के बजाय पुलिस को जल्द से जल्द एफआईआर दर्ज कर निष्पक्ष जांच करनी चाहिए थी।

 

इस मुलाकात के दौरान महागठबंधन के प्रतिनिधियों ने सिर्फ इस घटना पर ही नहीं, बल्कि जिले में हाल ही में हुई अन्य आपराधिक घटनाओं पर भी चर्चा की। नीम गली मोहल्ला में 18 सितंबर की रात एक व्यवसायी की हत्या और हलई थाना क्षेत्र में 19 सितंबर को मुखिया नारायण शर्मा की हत्या जैसी घटनाएं प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाती हैं।

   

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