समस्तीपुर जिले में कालाजार की समस्या ने स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों के बावजूद गंभीर चिंता पैदा कर दी है। नवंबर तक जिले में 16 नए मामले सामने आए हैं, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या जागरूकता अभियान पर्याप्त असर डाल रहे हैं।
कालाजार की पहचान और रोकथाम को लेकर जिले में स्वास्थ्य विभाग ने नई योजना पर काम शुरू कर दिया है। राज्य मुख्यालय ने जिला स्तर पर माइक्रो प्लान तैयार करने और आगामी मार्च-अप्रैल में विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है। इसके तहत सिंथेटिक पारा थायराइड पाउडर का छिड़काव किया जाएगा, जिससे मादा बालू मक्खी को खत्म किया जा सके।
जिला जनित रोग पदाधिकारी डॉ. विजय कुमार ने बताया कि यह रोग मुख्य रूप से नमी वाले क्षेत्रों में फैलता है, खासतौर पर जहां मवेशियों के साथ मनुष्य रहते हैं। छिड़काव कर्मियों को यह भी प्रशिक्षित किया जाएगा कि लंबे समय से बुखार से ग्रस्त लोगों की पहचान कर उन्हें निकटतम स्वास्थ्य केंद्र भेजा जाए। यहां आरके 39 टेस्ट के जरिए रोग की पुष्टि होगी और जरूरत पड़ने पर सदर अस्पताल, रोसड़ा और दलसिंहसराय अनुमंडलीय अस्पताल में इलाज की सुविधा दी जाएगी। राज्य सरकार ने रोगियों को सिंगल डोज मेडिसिन के तहत उपचार के अलावा 7100 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान करने की योजना बनाई है, ताकि वे अपनी पोषण और अन्य आवश्यकताओं का ध्यान रख सकें।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, जिले में सबसे अधिक मामले कल्याणपुर, मोहिउद्दीननगर और मोहनपुर प्रखंड से आए हैं। इसके अलावा रोसड़ा, सरायरंजन, पटोरी, उजियारपुर, विभूतिपुर, सिंघिया, खानपुर और मोरवा प्रखंडों में भी कालाजार के रोगी मिले हैं।
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