Samastipur : समस्तीपुर में सिंदूर खेला के बाद दुर्गा मां की विदाई.

समस्तीपुर के दुर्गाबाड़ी प्रांगण में दशहरे के अवसर पर बंगाली समाज की महिलाओं ने पारंपरिक सिंदूर खेला का आयोजन कर मां दुर्गा को भावपूर्ण विदाई दी। इस आयोजन में महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में सजकर एक-दूसरे को सिंदूर लगाया और मां दुर्गा की पूजा-अर्चना के साथ अगले वर्ष पुनः आने का न्योता दिया।

   

शनिवार को समस्तीपुर शहर में बंगाली समाज की महिलाओं ने पूरी श्रद्धा और उल्लास के साथ सिंदूर खेला मनाया। दशहरे के इस खास मौके पर महिलाएं पारंपरिक सफेद और लाल बॉर्डर वाली साड़ियों में सजीं और सिंदूर खेल कर मां दुर्गा को भावभीनी विदाई दी। इस दौरान मां दुर्गा की पूजा की गई और नाच-गाकर उन्हें अगले साल फिर आने का निमंत्रण दिया गया।

दुर्गाबाड़ी काली पूजा समिति की अध्यक्ष मंदिरा पलिद ने बताया कि दशहरे के दिन मां दुर्गा की विदाई का रस्म बंगाली समाज में बहुत खास होता है। उन्होंने कहा, “हम मां दुर्गा को उसी तरह विदा करते हैं जैसे बेटी मायके से विदा होती है। इस विदाई में एक ओर गम है, तो दूसरी ओर अगले वर्ष के आगमन की खुशी भी।” इस मौके पर महिलाओं ने पूरी दुनिया में शांति और समृद्धि की कामना करते हुए मां दुर्गा से प्रार्थना की।

 

समस्तीपुर के दुर्गाबाड़ी में पिछले 91 वर्षों से बंगाली समाज की ओर से इसी प्रकार पारंपरिक रीति-रिवाजों से मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है। यहां सप्तमी, अष्टमी, और नवमी के दिन न केवल पूजा होती है, बल्कि बच्चों के लिए शैक्षणिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। इस बार भी चित्रकला, रंगोली, लोकनृत्य, और मैजिक शो जैसी प्रतियोगिताओं में बच्चों ने भाग लिया। पूजा समिति की ओर से विजयी बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया।

   

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