ग्रामीण कार्य विभाग के अधीक्षण अभियंता विनोद राय कालेधन के कुबेर निकले। गुरुवार की रात नोटों का जखीरा लेकर सीतामढ़ी से पटना के लिए चले। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को इसकी भनक लग गई। पर उन्होंने सारा नोट पटना आवास पर पहुंचा दिया। जब छापेमारी को ईओयू की टीम उनके घर पहुंची तो उनकी पत्नी दीवार बनकर घर के नीचे खड़ी हो गई और कहा- घर में वह अकेली हैं।

उधर, ऊपर के कमरे में इंजीनियर साहब पूरी रात नोट जलाते रहे। जलाते-जलाते थक गए फिर भी 39. 50 लाख रुपये बच गए। शुक्रवार की सुबह ईओयू ने दबिश दी तो पानी की टंकी से ये नोट बरामद हुए। ईओयू के मुताबिक करीब 12.50 लाख के जले नोट और बाथरूम की पाइप से भारी मात्रा में जले नोटों का मलबा मिला है, जिसके दो से तीन करोड़ रुपए का होने का अनुमान है। समस्तीपुर के रोसड़ा निवासी विनोद राय ग्रामीण कार्य विभाग के सीतामढ़ी डिवीजन में अधीक्षण अभियंता के पद पर तैनात हैं।

उनके पास मधुबनी डिवीजन का भी प्रभार है। गुरुवार को वह सीतामढ़ी से पटना के लिए निकले। किसी ने ईओयू को सूचना दी कि विनोद अपनी गाड़ी में भारी मात्रा में नकदी लेकर पटना के भूतनाथ रोड स्थित मकान पर जा रहे हैं। ईओयू की टीम ने रास्ते में घेरेबंदी की, पर वह पकड़ में नहीं आए। इसके बाद टीम उनके मकान के पास पहुंची।


नोट जलाने और साक्ष्य मिटाने के आरोप में पति-पत्नी गिरफ्तार
नोट जलाने, साक्ष्य मिटाने और सरकारी कार्य में बाधा समेत अन्य धाराओं में इंजीनियर विनोद राय को ईओयू ने गिरफ्तार कर लिया है। वह घर के ही एक कमरे में छुपे थे। उनकी पत्नी को भी इन्हीं आरोपों में गिरफ्तार किया गया है लेकिन तबीयत खराब होने के चलते वह अस्पताल में भर्ती की गई हैं। पुलिस हिरासत में उनका इलाज जारी है। इसके अलावा उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया जा रहा है।



