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Bihar Election 2025 : समस्तीपुर के मोरबा से कर्पूरी ठाकुर की पोती डॉ. जागृति ठाकुर को मिला जनसुराज का टिकट.

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By Samastipur Today Desk

 


 

Bihar Election 2025 : समस्तीपुर के मोरबा से कर्पूरी ठाकुर की पोती डॉ. जागृति ठाकुर को मिला जनसुराज का टिकट.

 

Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी में जुटे प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज ने गुरुवार को अपने 51 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। इस सूची में समस्तीपुर जिले की मोरबा विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित हुईं डॉ. जागृति ठाकुर सबसे ज्यादा सुर्खियों में हैं। जागृति बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और महान समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर की पोती हैं।

 

कर्पूरी ठाकुर की विरासत से जुड़ी प्रत्याशी :

जनसुराज की प्रत्याशी डॉ. जागृति ठाकुर, कर्पूरी ठाकुर के छोटे बेटे डॉ. वीरेंद्र नाथ ठाकुर की बेटी हैं। उनके चाचा रामनाथ ठाकुर वर्तमान में जेडीयू के राज्यसभा सांसद हैं और केंद्र सरकार में कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री के पद पर कार्यरत हैं। इस तरह जागृति ठाकुर एक ऐसे परिवार से आती हैं, जिसकी जड़ें बिहार की समाजवादी राजनीति में गहराई से जुड़ी रही हैं।

कर्पूरी ठाकुर का नाम फिर चर्चा में :

कर्पूरी ठाकुर को गुज़रे 37 साल से अधिक हो चुके हैं, लेकिन हर चुनावी मौसम में उनकी विरासत को लेकर बिहार की राजनीति गरमा जाती है। समाजवादी विचारधारा से लेकर बीजेपी और कांग्रेस तक, लगभग हर दल खुद को कर्पूरी ठाकुर के सिद्धांतों से जोड़ने की कोशिश करता है। अब प्रशांत किशोर ने भी जनसुराज के माध्यम से इस विरासत को अपने दल से जोड़ने का प्रयास किया है।

‘दादा की विरासत संभालने का वक्त आ गया’ – जागृति ठाकुर :

जागृति ठाकुर ने एक पुराने इंटरव्यू में बताया था कि उनके दादा के निधन के बाद समाजवादी नेताओं मुलायम सिंह यादव और देवीलाल ने पूछा था कि “जननायक की विरासत कौन संभालेगा?” उस समय उनके पिता डॉ. वीरेंद्र ठाकुर ने राजनीति में आगे बढ़ने से इनकार कर अपने बड़े भाई को अवसर देने की बात कही थी। जागृति का कहना है कि उस समय की उनके पिता द्वारा लिखी गई चिट्ठी आज भी उनके पास मौजूद है।

लालू और नीतीश भी बताते हैं खुद को कर्पूरी ठाकुर का शिष्य :

बिहार की राजनीति में कर्पूरी ठाकुर का प्रभाव आज भी बरकरार है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों ही खुद को उनका राजनीतिक शिष्य बताते हैं। तेजस्वी यादव ने हाल ही में कहा था कि कर्पूरी ठाकुर की मृत्यु उनके पिता लालू यादव की गोद में हुई थी, जबकि नीतीश कुमार ने उनके बेटे रामनाथ ठाकुर को जेडीयू कोटे से केंद्र में मंत्री पद दिलवाया।

जनसुराज की रणनीति में कर्पूरी ठाकुर की विरासत अहम :

प्रशांत किशोर की रणनीति स्पष्ट है – वे समाजवादी राजनीति की उस जड़ों को छूना चाहते हैं, जो बिहार की जनता से भावनात्मक रूप से जुड़ी हैं। कर्पूरी ठाकुर की पोती को टिकट देकर पीके ने न सिर्फ एक सशक्त सामाजिक संदेश दिया है, बल्कि यह भी संकेत दिया है कि जनसुराज आने वाले चुनाव में परंपरागत राजनीति से हटकर नए चेहरों और सामाजिक जुड़ाव पर भरोसा करेगा।