Aniruddha Acharya Maharaj in Samastipur : समस्तीपुर में कथावाचक अनिरुद्ध आचार्य के कथा का आयोजन.

समस्तीपुर के सरायरंजन के उदयपुर में शनिवार से शुरू हुई कथावाचक अनिरुद्ध आचार्य की 5 दिवसीय कथा ने श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित किया। यह कथा 11 अक्टूबर तक चलेगी, जिसमें पहले ही दिन बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। आचार्य ने मोक्ष और जीवन-मृत्यु के चक्र से मुक्ति पाने के महत्वपूर्ण मार्गदर्शन दिए।

   

कथावाचक अनिरुद्ध आचार्य ने पहले दिन मोक्ष को लेकर गहरे विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि मोक्ष धरती पर ही प्राप्त किया जा सकता है यदि व्यक्ति सच्चे मन से सबका भला सोचे, बुरे विचारों से दूर रहे, और सदैव प्रसन्नता तथा सेवा में लगे रहे। आचार्य ने स्पष्ट किया कि जो प्रभु के चरणों में समर्पित हो जाता है, वह जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति पा सकता है।

एक दिलचस्प उदाहरण के रूप में आचार्य ने राजा और रानी की कहानी सुनाई, जिसमें एक व्यक्ति गंदगी के दलदल में फंस जाता है। उन्होंने इसे जन्म और मृत्यु के चक्र का प्रतीक बताया, जिससे मुक्ति पाने के लिए प्रभु का आशीर्वाद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को इस चक्र से निकलने के लिए स्वयं को पवित्र रखना होगा।

 

आचार्य ने कथा के माध्यम से बताया कि जीवन की कठिनाइयों और पापों से मुक्ति के लिए भगवान के चरणों में आना ही एकमात्र उपाय है। कथा सुनने के लिए उमड़ी भीड़, खासकर महिलाओं की भारी उपस्थिति, कथा की गहराई और संदेश की महत्ता को दर्शाती है।

   

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