पवित्र चैत्र मास की पूर्णिमा 12 अप्रैल को शनिवार को हस्त नक्षत्र व जयद योग में मनेगी। इसी दिन दक्षिणी संप्रदाय के श्रद्धालु हनुमान जयंती दक्षिणात्य का पर्व मनाएंगे। इस दिन सनातन धर्मावलंबी गंगा स्नान कर व्रत उपवास, पूजा पाठ, दान-पुण्य आदि धर्मकृत्य कार्य करेंगे।

सत्यनारायण भगवान की होगी पूजा
कई घरों में इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा होगी। इस दिन व्रत की पूर्णिमा एवं स्नान दान की पूर्णिमा के साथ शनिवार दिन होने से श्री हरि विष्णु के साथ हनुमान जी की भी विधिवत पूजा होगी।

ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि चैत्र पूर्णिमा हिंदू नववर्ष की प्रथम पूर्णिमा होती है। चैत्र पूर्णिमा को मधु पूर्णम के नाम से भी जाना गया है।


नदियों में स्नान का महत्व
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी, तीर्थ में स्नान तथा दान-पुण्य करने से समस्त दुखों से छुटकारा मिलता है। इस दिन भगवान जनार्दन की पूजा से श्रद्धालुओं को सुख, धन और वैभव की प्राप्ति होती है।

हनुमानजी के जन्मोत्सव पर श्रद्धालुओं ने उनके जैसा बल, बुद्धि, ज्ञान, कौशल का समावेश अपने व्यक्तित्व में समाहित करने के लिए प्रार्थना करेंगे।
घरों में होगा हनुमान चालीसा पाठ व कथा-पूजा
चैत्र पूर्णिमा एवं हनुमान जयंती होने से 12 अप्रैल शनिवार को श्रद्धालु अपने घर एवं मंदिरों में हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड आदि का पाठ करेंगे। भगवान विष्णु के उपासक सत्यनारायण की कथा-पूजा करेंगे। पूजा की शुरुआत प्रत्यक्षदेव भगवान भास्कर को जलार्पण से करेंगे।
मान्यता है कि सूर्य के तेज में समस्त कष्टों को दूर करने की क्षमता विद्यमान है। हिंदू धर्मावलंबी हनुमान जी को तेल-सिंदूर का लेप, ध्वज दान, रोट प्रसाद का भोग अर्पण कर अपनी पूजा करेंगे।
चैत्र पूर्णिमा स्नान-दान व पूजा मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि: पूरे दिन
शुभ योग मुहूर्त: प्रातः 07:06 से 08:41 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:25 बजे से 12:16 बजे तक
चर-लाभ-अमृत मुहूर्त: दोपहर 11:50 बजे से शाम 04:35 बजे तक
