Sarkari Yojana : बिहार के बेरोजगार ग्रामीण युवाओं को आजीविका सुनिश्चित करने और राज्य के विकास को गति देने के उद्देश्य से नीतीश सरकार ‘मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना’ का लाभ प्रदान कर रही है। इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार प्रत्येक ग्राम पंचायत से 7 लाभार्थियों का चयन करती है और उन्हें व्यवसायिक वाहन खरीदने के लिए अनुदान के रूप में खरीद मूल्य का 50 प्रतिशत या अधिकतम 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करती है।

इनमें से 4 अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और 3 अत्यंत पिछड़ा वर्ग के चयनित लाभार्थियों को 4 सीट से लेकर 10 सीट तक के नए यात्री वाहन (तीन पहिया या चार पहिया वाहन) खरीदने के लिए उनके बैंक खाते में अनुदान राशि दी जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य गरीब, बेरोजगार ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल करने का मार्ग प्रशस्त करना है।

अब तक 44 हजार से अधिक लोग लाभान्वित हुए:


बिहार में वर्तमान में कुल 8405 पंचायतें हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन और विकास कार्यों को बढ़ावा देती हैं। बिहार की ये पंचायतें राज्य के विभिन्न जिलों और प्रखंडों से जुड़कर ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रही हैं। ‘मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना’ के तहत कुल 44 हजार 754 लाभुकों को चरणबद्ध तरीके से अनुदान राशि प्रदान कर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ा गया है।

इस योजना के तहत सामान्य यात्री वाहनों के अलावा ई-रिक्शा और एंबुलेंस की खरीद पर भी अनुदान दिया जा रहा है। प्रति पंचायत अधिकतम 7 लाभुकों की अनुमानित सीमा के तहत प्रति प्रखंड अधिकतम 2 (1 अनुसूचित जाति/जनजाति और 1 अत्यंत पिछड़ा वर्ग) लाभुकों को उपलब्ध रिक्ति के अनुसार एंबुलेंस की खरीद पर अनुदान दिया जाएगा।
2 लाख रुपये की अनुदान राशि:
वहीं, एंबुलेंस खरीद के मामले में राज्य सरकार द्वारा चयनित लाभुक के बैंक खाते में अधिकतम 2 लाख रुपये की अनुदान राशि का लाभ दिया जाता है। यह योजना लाभुक परिवारों की आर्थिक तंगी को दूर करने में काफी कारगर साबित हुई है। सात निश्चय योजना-2 (2020-2025) के माध्यम से नीतीश सरकार 12 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और 34 लाख लोगों को रोजगार देने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत 11वें चरण में शेष 12,500 लक्ष्य के विरुद्ध जिलावार रिक्ति के अनुसार, मुजफ्फरपुर जिले में सबसे अधिक 1008 रिक्तियां हैं। इसके अलावा सारण में 829, पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) में 824, मधुबनी में 820, पश्चिमी चंपारण (बेतिया) में 743, दरभंगा में 710, पटना में 657, वैशाली में 548, सीवान में 503 और बांका में 480 रिक्तियां हैं। आवेदन प्राप्त होने के 7 दिनों के भीतर आरटीजीएस के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खाते में अनुदान राशि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है।
मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के लिए आवश्यक शर्तें:
- मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक की न्यूनतम आयु सीमा आवेदन आमंत्रण की तिथि को 21 वर्ष होनी चाहिए।
- लाभार्थी सरकारी सेवा में कार्यरत न हो तथा उसके पास पहले से कोई व्यवसायिक वाहन न हो।
- लाभार्थी के पास हल्का मोटर वाहन चालक लाइसेंस, जाति प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र, शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र तथा जन्म प्रमाण पत्र की प्रति होना आवश्यक है।
इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार आवेदन भरने से लेकर अनुदान राशि प्राप्त करने तक पारदर्शी बनाने के लिए कार्यक्रम को चरणबद्ध एवं समयबद्ध तरीके से क्रियान्वित कर रही है। बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराकर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने तथा ग्रामीणों को खुशहाल बनाने के अपने उद्देश्य में मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना सफल साबित हुई है।