अगर आप नौकरी के साथ-साथ ऑनलाइन या छुट्टियों में क्लास करके एलएलबी की डिग्री ले रहे हैं, तो यह अवैध मानी जाएगी। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय ने संसद को बताया है कि एलएलबी पाठ्यक्रम के लिए किसी भी संस्थान को ऑनलाइन या छुट्टियों में कक्षा संचालन की अनुमति नहीं है।

मंत्रालय ने कहा कि कार्यरत सरकारी अधिकारी या पेशेवर अपनी नौकरी से रिटायर होने के बाद वकालत शुरू करते हैं, तो उनकी कानूनी विशेषज्ञता पर संदेह किया जाएगा। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया है कि भारतीय विधिज्ञ परिषद (बीसीआई) ने भी साफ किया है कि उन्होंने किसी भी कामकाजी पेशेवर के लिए इस तरह के कोर्स की अनुमति नहीं दी है।

एलएलबी की डिग्री न्याय प्रदान करने के लिए: भारतीय विधिज्ञ परिषद के हवाले से मंत्रालय ने कहा है कि एलएलबी, एक ऐसी डिग्री है जो व्यक्तियों को वकालत करने और न्याय प्रदान करने में सक्षम बनाती है, ऐसे में इसे गैर-गंभीर कार्य नहीं माना जाना चाहिए।


उच्च मानकों को बनाए रखना होगा: संसद को यह भी बताया गया है कि कानून के क्षेत्र में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां शामिल होती हैं और यह (एलएलबी) नागरिकों के जीवन को प्रभावित करता है। इसलिए इसमें शिक्षा और प्रशिक्षण के उच्च मानकों को बनाए रखना आवश्यक हो जाता है।



