बिहार में बच्चों के आधार कार्ड बनवाने के लिए डाक विभाग ने एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। सात हजार डाकियों को विशेष प्रशिक्षण देने के बाद उन्हें घर-घर जाकर आधार कार्ड बनाने का कार्य सौंपा जाएगा। यह कदम न केवल आधार कार्ड के निर्माण की प्रक्रिया को सुगम बनाएगा, बल्कि यह सुनिश्चित करेगा कि राज्य के हर बच्चे को उनके आधार कार्ड का लाभ मिले।
बिहार सरकार ने निर्णय लिया है कि अब सात हजार डाकिया घर-घर जाकर बच्चों के आधार कार्ड बनाएंगे। वर्तमान में 28 सौ डाकिये इस कार्य में लगे हुए हैं, लेकिन अब उनकी संख्या बढ़ाकर सात हजार की जाएगी। इन डाकियों को आधार कार्ड बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिसके बाद उनकी योग्यता की परीक्षा होगी। परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले डाकियों को ऑथेंटिकेशन नंबर मिलेगा, जिससे वे इस कार्य को अंजाम दे सकेंगे।
इस विशेष अभियान के तहत, डाक विभाग ने यूआईडी से अगले 40 दिनों के लिए तीन स्लॉट बुक कर दिए हैं। इन तिथियों पर डाकिया लिखित परीक्षा में शामिल होंगे। योजना के अनुसार, यह कार्य 30 सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इस अभियान का लक्ष्य पांच साल तक के 10 लाख बच्चों के आधार कार्ड बनाना है, जबकि अब तक केवल एक लाख 60 हजार बच्चों का आधार कार्ड ही बन पाया है।
इसके अतिरिक्त, डाकिये न केवल आधार कार्ड बनाएंगे, बल्कि घर बैठे ही लोगों के मोबाइल नंबर और पते को भी अपडेट कर सकेंगे। इससे लोगों को डाक विभाग के कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और वे अपने आवश्यक दस्तावेजों को सीधे अपने घर पर ही अपडेट कर सकेंगे।