Nitish Cabinet Expanded : बिहार में नीतीश सरकार के कैबिनेट का विस्तार हुआ। भाजपा के सात विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। ये सभी भाजपा कोटे से मंत्री बने हैं। शपथ ग्रहण समारोह में कृष्ण कुमार मंटू, विजय मंडल, राजू सिंह, संजय सरावगी, जीवेश मिश्रा, सुनील कुमार और मोतीलाल प्रसाद ने मंत्री पद की शपथ ली। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा के इन सात विधायकों को कैबिनेट में जगह मिली है। इससे बिहार सरकार में भाजपा की भूमिका और मजबूत हुई है। जानकारों के मुताबिक भाजपा का यह बड़ा कदम माना जा रहा है।

दरभंगा विधायक संजय सरावगी ने ली मंत्री पद की शपथ:

बिहार में नीतीश सरकार के कैबिनेट विस्तार में दरभंगा नगर विधायक संजय सरावगी ने मंत्री पद की शपथ ली। मंत्री बनाए जाने से परिवार समेत क्षेत्र के लोगों में खुशी का माहौल है। संजय सरावगी लगातार पांच बार से दरभंगा शहरी क्षेत्र से चुनाव जीतते आ रहे हैं। इस बार मंत्री बनाए जाने वालों की सूची में उनका नाम आने से भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी है। संजय सरावगी का जन्म 1969 में हुआ था। उन्होंने मिथिला विश्वविद्यालय से एमए (मास्टर) तक की पढ़ाई की है। संजय के राजनीतिक जीवन की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से हुई। इसके बाद वे 2003 में नगर निगम में वार्ड नंबर 6 से वार्ड पार्षद का चुनाव जीतकर पहली बार वार्ड पार्षद बने। संजय सरावगी फरवरी 2005 में दरभंगा के नगर विधायक बने और फिर अक्टूबर 2005 में, फिर 2010 में दरभंगा से अपने निकटतम राजद उम्मीदवार को 26,000 वोटों के अंतर से हराकर विधायक बने। तब से वे लगातार विधायक हैं।


अररिया के सिकटी से विधायक विजय मंडल बने मंत्री:

बिहार में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में सीमांचल के सिकटी से भाजपा विधायक विजय कुमार मंडल को मंत्री बनाया गया। विजय कुमार मंडल को मंत्री बनाने के बहाने एनडीए ने सीमांचल में अति पिछड़ा वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश की है। विजय कुमार मंडल केवट जाति से आते हैं और इस जाति समेत अति पिछड़ों का एक बड़ा वोट बैंक सीमांचल में है। विजय कुमार मंडल पांच बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। राजनीति की दुनिया में उनका सफर आनंद मोहन की पार्टी बिहार पीपुल्स पार्टी, आरजेडी, एलजेपी, जेडीयू और बीजेपी से रहा है। इससे पहले भी 2000 में आरजेडी सरकार में वे बिहार सरकार में राज्य मंत्री रह चुके हैं। वे बिहार सरकार के मुख्य सचेतक भी रह चुके हैं।
बिहारशरीफ विधायक डॉ. सुनील कुमार बने मंत्री:
बिहारशरीफ विधायक डॉ. सुनील कुमार एक अनुभवी भारतीय राजनेता हैं, जो चार बार बिहार विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। वर्तमान में वे बिहारशरीफ विधानसभा सीट से बीजेपी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 2005 में नालंदा जिले की बिहारशरीफ सीट से की थी, जब उन्होंने अपने पहले ही विधानसभा चुनाव में आरजेडी नेता सैयद नौशादुन्नबी उर्फ पप्पू खान को हराकर जीत हासिल की थी।
सीतामढ़ी के रीगा विधायक मोतीलाल बने मंत्री:
रीगा बीजेपी विधायक मोतीलाल प्रसाद को भी नीतीश कैबिनेट विस्तार में मंत्री पद मिला है। दुकानदार से विधायक बने मोतीलाल प्रसाद 2010 और 2020 में जीते, लेकिन 2015 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वैश्य समुदाय से आने वाले मोतीलाल प्रसाद जिले के तीसरे वैश्य मंत्री हैं। उनका राजनीतिक सफर, पारिवारिक पृष्ठभूमि और शैक्षणिक योग्यता भी काफी दिलचस्प है। मोतीलाल प्रसाद सीतामढ़ी जिले के रीगा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर चुनाव जीता था। वे 2010 में पहली बार विधायक चुने गए थे। 2015 में वे कांग्रेस उम्मीदवार अमित कुमार तन्ना से हार गए थे। 2020 में वे फिर से विधायक बने। वे सीतामढ़ी के वैश्य समुदाय से मंत्री पद पाने वाले तीसरे विधायक हैं। इससे पहले सुनील कुमार पिंटू और रामवृक्ष चौधरी मंत्री रह चुके हैं।
जाले से विधायक जीवेश मिश्रा दूसरी बार मंत्री:
दरभंगा के जाले से विधायक जीवेश मिश्रा को फिर से मंत्री पद मिला है। जीवेश मिश्रा 2020 में भाजपा के टिकट पर दूसरी बार विधायक बने हैं। वह पहले भी नीतीश सरकार में मंत्री रह चुके हैं। लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद उन्हें अपना पद गंवाना पड़ा था। जब नीतीश कुमार ने बीजेपी के समर्थन से दोबारा सरकार बनाई तो उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं मिली थी। अब कैबिनेट विस्तार में उन्हें फिर से मौका मिला है। जीवेश मिश्रा ने मंत्री पद की शपथ ली है। दरभंगा के जाले से आने वाले जीवेश मिश्रा के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। बीजेपी नेता के तौर पर उनका कद और बढ़ गया है। जीवेश मिश्रा के राजनीतिक जीवन की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से हुई थी। उन्होंने मिथिला विश्वविद्यालय से एमए तक की पढ़ाई की है। उन्हें दूसरी बार मंत्री बनाए जाने की संभावना पर बीजेपी कार्यकर्ताओं समेत इलाके में खुशी का माहौल है। पहली बार उन्हें श्रम संसाधन मंत्री बनाया गया था।
छपरा के अमनौर विधायक कृष्ण कुमार मंटू बने मंत्री:
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव से पहले अपने आखिरी मंत्रिमंडल का विस्तार किया। बुधवार शाम राजभवन में शपथ लेने वाले मंत्रियों में छपरा जिले के कृष्ण कुमार मंटू भी शामिल हैं। कृष्ण कुमार मंटू भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से अमनौर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। कृष्ण कुमार का जन्म 27 फरवरी 1977 को हुआ था। वे 2010 से 2015 तक अमनौर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे। 2020 में वे भारतीय जनता पार्टी के सिंबल पर अमनौर विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार जीते। कृष्ण कुमार मंटू सांसद राजीव प्रताप रूडी के काफी करीबी बताए जाते हैं। हालांकि, उनका शुरुआती राजनीतिक जीवन काफी विवादित रहा। लेकिन हाल के दिनों में उन्होंने अपनी पुरानी छवि को काफी तेजी से बदला है और समाज में सहज नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाई है। कृष्ण कुमार मंटू हाल ही में कुर्मी एकता रैली को लेकर चर्चा में आए थे। पटना में उन्होंने कुर्मी जाति के लोगों को एकजुट करने के लिए एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया था, जिसमें वे काफी सफल भी रहे और उसके तुरंत बाद कृष्ण कुमार मंटू को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना कहीं न कहीं उनके बढ़ते कद को दर्शाता है।